मछली शहर पड़ाव में हाल ही में तीन लोगों की करंट लगने से मौत मामले में प्रशासन की टीम पीड़ित परिजनों को मुआवजा देने गई। हालांकि यहां मृतक प्राची मिश्रा के परिजनों ने सहायता राशि लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें सरकारी सहायता नहीं चाहिए, बल्कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। 5 लाख, 10 लाख, 20 लाख, 25 लाख आपको हम देंगे तो क्या हमारी बच्ची वापस दे दे पाएंगे? परिजनों के द्वारा सहायता राशि लेने से इनकार करने के बाद सरकारी अमला बेरंग वापस लौट गया।
नहीं लिया सरकारी मुआवजा
बता दें कि जिलाधिकारी के आदेश पर साढ़े सात लाख रुपये प्रत्येक मृतक के परिजन को बिजली विभाग दे रहा है। दो लोगों के परिजनों ने सहायता राशि ले ली है, जबकि प्राची मिश्रा के परिजन ने कुछ भी लेने से इनकार कर दिया है। स्थानीय विधायक भी पीड़ित परिवार से मिलने गए थे। हालांकि परिजनों ने उनसे भी कुछ भी लेने से इनकार कर दिया। पीड़ित परिजन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। फिलहाल जिलाधिकारी के आदेश पर अवर अभियंता विद्युत विभाग, अवर अभियंता नगर पालिका, एक सफाई कर्मी और एक सफाई नायक को निलंबित कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 25 अगस्त को मछली शहर पड़ाव पर प्राची मिश्रा घर से समान खरीदने गई थी। शाम 4 बजे तेज बारिश होने लगी और नाले उफान पर आ गए। बारिश की वजह से जगह-जगह जलभराव हो गया। पानी बंद होने पर जब प्राची जाने लगी तो सड़क पर जल भराव हो गया। यहां बगल में बड़ा खुला नाला था। यहीं पर रोड किनारे एक खंभा था, जिसमें करंट आ रहा था। वापस लौटते समय प्राची करंट की चपेट में आ गई। करंट लगने की वजह से वह गिर कर नाले की ओर बहने लगी।
तीन लोगों की हुई मौत
प्राची को बहता देख उसे बचाने के लिए मोहम्मद समीर भी दौड़ा और वह भी करंट की चपेट में आकर नाले की ओर बहने लगा। दोनों को बचाने के लिए एक ई-रिक्शा चालक दौड़ा और वह भी करंट की चपेट में आ गया। इस हादसे में तीनों की मौत हो गई। वहीं प्राची और समीर नाले में बह गए। हादसे के 28 घंटे बाद तक पुलिस नाले को खुदवा-खुदवा कर खोज रही थी, जिसके बाद एक किलोमीटर दूर दोनों लाश पाई गई।