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गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र के शिकारपुर गांव में महिलाएं सोशल मीडिया के जरिए से जिला प्रशासन और संबंधित विभाग से अपील कर रही हैं कि उनके गांव तक शुद्ध पानी भेजा जाए.

गर्मी अपने चरम पर है और तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में लोगों को पानी की जरूरत भी ज्यादा हो रही है. लेकिन गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र के शिकारपुर गांव में आजादी के बाद से लेकर अभी तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंचा है. इस मामले में अब ग्रामीण महिलाएं सोशल मीडिया के जरिए से जिला प्रशासन और संबंधित विभाग से अपील कर रही हैं कि उनके गांव तक शुद्ध पानी भेजा जाए.

नंदगंज थाना क्षेत्र के शिकारपुर गांव में करीब 2000 लोग रहते हैं. ग्रामीणों को पानी पीने के लिए गांव में हैंडपंप लगे हुए हैं, लेकिन सभी हैंडपंपों से आर्सेनिक युक्त खारा पानी आता है. जिसकी वजह से गांव वालों को करीब 2 किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाना पड़ता है. गांव के प्रधान राम सिंह बलवंत ने बताया कि उनके गांव में पीने के पानी की समस्या देश की आजादी के बाद से लेकर अब तक बनी हुई है. उनके गांव में जहां भी बोरिंग होता है वहां आर्सेनिक युक्त पानी यानी कि खारा पानी मिलता है.

77 सालों से इस गांव में नहीं पीने का पानी... अब महिलाओं ने शुरू किया ये कैंपेन

प्रधान ने बताया कि इस स्थिति में सिर्फ दो ही हैंडपंप हैं जिनमें से पीने लायक पानी निकलता है. गांव वालों ने यह समस्या पूर्व सदर विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. संगीता बलवंत के माध्यम से सदन में भी उठाया था. गांव वाले सभी जिम्मेदार अधिकारियों से कई बार पानी की गुहार लगा चुके हैं लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.

अब उनके गांव की महिलाओं ने अपने बच्चों की जिंदगी बचाने और शुद्ध पानी के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से कैंपेन शुरू किया है. कैंपेन में महिलाओं का कहना है कि उनके गांव जहर पी रहा है, उनके बच्चों की जान बचाई जाए, उनके गांव को पानी पिलाया जाए. महिलाओं ने अधिकारियों और अन्य जिम्मेदारों को कहा है कि अगर उनमें दम है तो वो गांव का पानी पीकर दिखाएं.

खंड विकास अधिकारी देवकली जमालुद्दीन ने बताया कि शिकारपुर गांव के साथ ही आसपास के चार से पांच गांव की भी स्थिति यही है. ऐसे में जल निगम के द्वारा पूर्व में भी एक जगह बोरिंग कर सही जल की तलाश की गई थी. लेकिन सफलता नहीं मिली. वहीं एक बार फिर से प्रयास किया जा रहा है. जैसे ही सही पानी मिल जाएगा सभी गांव को एक दूसरे से कनेक्ट कर दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि साल 2018 में जल जीवन मिशन के तहत पानी टंकी का निर्माण बगल के गांव में किया गया था. उसका पानी उनके गांव में भी आता था जो करीब 1 साल तक मिला. लेकिन उसके बाद उसका भी पानी मिलना बंद हो गया है. मौजूदा समय में जल जीवन मिशन की तरफ से पाइपलाइन बिछाई तो जा रही है. लेकिन उससे लोगों को पानी कब तक मिलेगा यह कोई बताने वाला नहीं है. डॉक्टरों की बात माने तो आर्सेनिक युक्त खारा पानी पीने से कई तरह के रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती है. ऐसे में इस तरह का पानी पीने से लोगों को बचाना चाहिए

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