दिल्ली हाईकोर्ट से अखिल भारतीय जनसंघ (ABJS) को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को बिहार चुनाव के लिए अखिल भारतीय जनसंघ को चुनाव चिन्ह देने का आदेश दिया था. पार्टी ने चुनाव आयोग से जवाब न मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने का भी आदेश दिया था, जिसके बाद हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.
अखिल भारतीय जनसंघ ने अगस्त महीने में एक याचिका दायर की थी. इसमें बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक कमान चुनाव चिन्ह की मांग की थी. पार्टी की तरफ से कहना था कि पहले भी उसे दूसरे राज्यों में चुनाव चिह्न दिया जा चुका है. आयोग से जवाब न मिलने पर इस पार्टी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
जस्टिस मिनी पुष्करणा ने जनसंघ को चिन्ह के लिए चुनाव आयोग के आदेश दिया था. कोर्ट ने आदेश दिया, “यह निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ता को बिहार राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तत्काल एक समान चिन्ह आवंटित किया जाए. ”
पार्टी ने कोर्ट में क्या दिया था तर्क?
पार्टी ने अपनी याचिका में कहा कि अखिल भारतीय जनसंघ की स्थापना 1951 में हुई थी, इसके बाद 1979 में उसका नाम बदला गया. याचिका में कहा गया है कि पार्टी अपने अस्तित्व के दौरान चुनाव लड़ती रही है. इसके अलावा संबंधित कानूनों के अनुसार समय-समय पर चुनाव आयोग से चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन करती रही है.
पार्टी ने बताया कि साल 2024 के विधानसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश में भाग लिया था. वहां चुनाव चिन्ह के तौर पर ‘सितार’ आवंटित किया गया था. याचिका में कहा गया है कि पार्टी को संवैधानिक गारंटी और वैधानिक सुरक्षा उपायों के अधीन चुनाव लड़ने का वैधानिक अधिकार प्राप्त है.
चुनाव से पहले जनसंघ को बड़ी राहत
बिहार में नवंबर में चुनाव होने वाले हैं. चुनाव चिन्ह को लेकर जनसंघ 5 महीनों से मेहनत कर रहा है. अखिल भारतीय जन संघ ने 2 जून 2025 को चुनाव आयोग को पहला पत्र लिखा था. हालांकि चुनाव आयोग से न सही हाईकोर्ट से पार्टी को बड़ी राहत मिली है. चुनाव आयोग ने बिहार में चुनावों का ऐलान भी कर दिया है. यहां 2 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. इसके साथ ही 14 नवंबर को नतीजे सामने आएंगे.