केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा में हिस्सा लिया. उन्होंने विपक्ष के आरोपों का करार जवाब दिया. एसआईआर के मुद्दे पर दो टूक कहा कि एक भी घुसपैठिया वोट नहीं डाल पाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि घुसपैठियों के खिलाफ डिटेक्ट-डिलीट और डिपोर्ट उनकी सरकार की पॉलिसी है. इस दौरान उन्होंने इतिहास के पन्ने पलटते हुए कांग्रेस पर जमकर हमले बोले. अमित शाह के इस भाषण की पीएम मोदी ने जमकर तारीफ की है.
संसद में चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा,जब कांग्रेस के जमाने में चुनाव होते थे, बिहार-यूपी में सरकारें बनानी होती थीं तो पूरे के पूरे वोट के बक्से हाईजैक कर लिए जाते थे. ईवीएम आने से ये सब बंद हो गया.चुनाव की चोरी बंद हो गई है. इसलिए इनके पेट में दर्द हो रहा है.
सबसे पहला एसआईआर 1952 में हुआ था
एसआईआर के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए उन्होंने कहा,सबसे पहला एसआईआर 1952 में हुआ था, उस समय कांग्रेस पार्टी से प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे. इसके बाद भी कई बार एसआईआर हुआ. 2004 के बाद अब 2025 में एसआईआर हो रहा है और इस समय सरकार एनडीए की है.
तब किसी भी दल ने विरोध नहीं किया था
उन्होंने कहा, 2004 तक एसआईआर प्रक्रिया का किसी भी दल ने विरोध नहीं किया था क्योंकि यह चुनावों को पवित्र रखने की प्रक्रिया है. लोकतंत्र में चुनाव जिस आधार पर होते हैं, अगर वो मतदाता सूची ही प्रदूषित है तो चुनाव कैसे साफ हो सकता है. समय-समय पर मतदाता सूची का गहन पुनर्निरीक्षण जरूरी है. इसलिए चुनाव आयोग ने फैसला लिया कि 2025 में एसआईआर किया जाएगा.
आज ये एक्सपोज हो चुके हैं
उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी द्वारा एसआईआर पर चार महीने से एकतरफा झूठ फैलाया गया. कांग्रेस ने देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश की. जब इनके जमाने में चुनाव होते थे तो बक्से गायब हो जाते थे. दोष ईवीएम का नहीं है, चुनाव जीतने का तरीका जनादेश नहीं था, भ्रष्ट तरीका था. आज ये एक्सपोज हो चुके हैं.
आइए जानते हैं केंद्रीय गृह मंत्री ने लोकसभा में क्या-क्या कहा.
- लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा में गृहमंत्री अमित शाह कहा, विपक्ष एसआईआर पर चार महीने से एकतरफा झूठ फैला कर देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. किसी की मौत होने या दो जगह पर मतदाता होने पर नाम काटना, 18 साल की आयु होने पर नाम जोड़ना और घुसपैठियों को चुन-चुनकर डिलीट करना ही SIR है.
- अमित शाह ने कहा, घुसपैठिये पीएम और सीएम का चुनाव कर, देश को असुरक्षित न बना पाएं, इसीलिए मतदाता सूची का शुद्धिकरण जरूरी है और उसी का नाम SIR है. कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण ईवीएम या वोट चोरी नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व है. एक दिन कांग्रेस का कार्यकर्ता इसका हिसाब जरूर मांगेगा.
- उन्होंने कहा, ईवीएम कांग्रेस के समय आई. ईवीएम से पहला लोकसभा चुनाव 2004 में हुआ, जो कांग्रेस जीती. अब ये हार रहे हैं तो ठीकरा ईवीएम पर फोड़ रहे हैं. 11 साल से ईवीएम और वोट चोरी की बात करने वाली कांग्रेस पार्टी ने चुनाव सुधारों पर चुनाव आयोग को आज तक एक भी सुझाव नहीं दिया.
- अमित शाह ने कहा, हमारे देश में कुछ परिवार ऐसे हैं, जो पुश्तैनी वोट चोरी करते हैं. वोट चोरी की तीन ऐतिहासिक घटनाएं हैं. पहली– सरदार पटेल जी को ज़्यादा वोट मिलने पर भी नेहरू जी का पीएम बनना. दूसरी– हाईकोर्ट द्वारा रद्द हुए इंदिरा गांधी के चुनाव के फैसले को पलटना. तीसरी– हाल ही में दाखिल एक वाद के अनुसार सोनिया गांधी का भारत का नागरिक बनने से पहले वोटर बनना.
- गृह मंत्री ने कहा, मतदाता सूची नई हो या पुरानी कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की हार तय है. बीजेपी की घुसपैठियों पर पॉलिसी है- डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट. विपक्ष की पॉलिसी है घुसपैठियों को नॉर्मलाइज कर मान्यता देना और मतदाता सूची में डाल कर फॉर्मलाइज करना.
- उन्होंने कहा, नेहरू जी, इंदिरा जी, राजीव जी और सोनिया जी पर बोलने पर कांग्रेस ने लोकसभा का बहिष्कार नहीं किया लेकिन घुसपैठियों पर बोलने पर कांग्रेस ने सदन का बहिष्कार कर दिया. ये बात उन्होंने तब कही जब विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट किया.
- अमित शाह ने कहा, देश के लिए मरना, देश को समृद्धि के परम शिखर पर ले जाना और देश की संस्कृति का झंडा बुलंद करना ही आरएसएस की विचारधारा है. जनसांख्यिकी के आधार पर देश पहले भी एक बार बंट चुका है. आने वाली पीढ़ियों को फिर से वैसी ही स्थिति न झेलनी पड़े, इसके लिए SIR जरूरी है.
- उन्होंने कहा, विपक्ष सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, 370 हटाने, राम मंदिर के बनने, घुसपैठियों को हटाने, CAA लाने और तीन तलाक हटाने का विरोध करता है, इसलिए हम जीतते हैं. इतिहास में सबसे ज्यादा परिश्रम और प्रवास करने वाले प्रधानमंत्री हैं, नरेंद्र मोदी.
- शाह ने कहा, SIR की वजह से विपक्ष को जो राजनीतिक नुकसान हुआ है, वही उनके दुःख का असली कारण है. जब आप चुनाव जीतते हैं, तब मतदाता सूची सही होती है और हारने पर गलत, विपक्ष के दोहरे मापदंड अब नहीं चलेंगे. SIR एक संवैधानिक प्रक्रिया है और इस पर सवाल उठाकर विपक्ष दुनिया में भारत के लोकतंत्र की छवि खराब कर रहा है.
- विपक्ष के नेता को चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में शामिल करने का काम मोदी सरकार ने किया है. कांग्रेस के दौर में अकेले प्रधानमंत्री ही यह फैसला करते थे. विपक्ष 200 बार भी सदन का बहिष्कार करेगा, फिर भी हम एक भी घुसपैठिए को मतदान का अधिकार नहीं देंगे. राहुल जी ने बिहार में घुसपैठिया-बचाओ यात्रा निकाली, उनका सूपड़ा साफ हो गया.
- उन्होंने कहा, अब टीएमसी बंगाल में घुसपैठियों को बचा रही है. वहां भी बीजेपी की सरकार बनना तय है. तमिलनाडु में हिंदुओं को पूजा का अधिकार देने वाले जज के खिलाफ इंडिया गठबंधन महाभियोग प्रस्ताव लाया, देश की जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी.
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