Himachal Pradesh News: हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में JOA-IT, माली, स्टेनोग्राफर, रिपोर्टर और ड्राइवर समेत विभिन्न श्रेणियां के पद भरे गए हैं. इनमें कई युवाओं को रोजगार मिला है. हालांकि राज्य के अन्य युवा और परीक्षा अभ्यर्थी इस भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं.
युवाओं का आरोप है कि बड़े नेताओं के करीबियों को नौकरी दी गई है. इस पूरे मामले में सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया देखने के लिए मिल रही है. इस बीच शिक्षित बेरोजगार संघ ने मामले में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट जाने की बात कही है. संघ का कहना है कि वह हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और न्याय की मांग करेंगे.
हाई कोर्ट जाकर न्याय मांगेंगे शिक्षित बेरोजगार युवा
हिमाचल प्रदेश शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाल कृष्ण ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हुई भर्तियों में गड़बड़ी की आशंका है. वे इस मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट जाएंगे. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष जनहित याचिका दायर की जाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के करीबी लोगों को ही इसमें नौकरियां दी गई हैं. बाल कृष्ण ठाकुर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अन्य पदों पर हुई भर्तियों में तो ज्वाइनिंग एक साल तक नहीं दी जा रही है, लेकिन विधानसभा में हुई भर्ती में तुरंत जॉइनिंग दे दी गई.
उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में आंसर की (Answer Key) में भी गड़बड़ी लग रही है. सभी परीक्षाओं में पूछे गए सवालों के विकल्प यानी ऑप्शन लगभग एक ही जैसे हैं. इस मामले को भी वह हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा कि वह आने वाले हफ्ते में याचिका दायर करने वाले हैं और उन्हें हाई कोर्ट से न्याय की उम्मीद है.
हिमाचल बीजेपी भी लगा चुकी है गड़बड़ी के आरोप
गौर हो कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हुई भर्तियों पर भारतीय जनता पार्टी ने भी सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने भी भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं. इसी तरह तत्कालीन वीरभद्र सरकार में डिप्टी एडवोकेट जनरल रहे विनय शर्मा ने भी भर्तियों में पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष ने आरोप लगाते हुए पूछा है कि आखिर क्यों कुछ विशेष विधानसभा क्षेत्र से ही युवाओं को भर्ती किया गया है. वे भी इस मामले में जांच की मांग उठा रहे हैं. फिलहाल, इस पूरे मामले में विधानसभा सचिवालय की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है.