Himachal Cloud Burst:- हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है, जबकि 45 लोग अभी भी लापता हैं, उनकी तलाश के लिए बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. इस बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर समेज का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया और पीड़ितों से बात की. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से राहत और बचाव का आश्वासन दिया.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से बाढ़ आ गई थी. मंडी के पधार और शिमला के रामपुर जिलों में और कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना में अचानक आई बाढ़ के कारण अब तक आठ लोगों की मौत हो गई है.
मंडी के राजबन गांव में स्थानीय पांच लोगों के शव मिले हैं. राजबन में बरामद किए गए दो शवों की पहचान नौ साल के अमन और आठ साल के आर्यन के रूप में हुई है. लापता लोगों के रिश्तेदार घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं और हर बीतते घंटे के साथ उनकी उम्मीदें खत्म होती जा रही हैं.
बादल फटने से आई आफत
रोती हुई एक महिला ने कहा कि उनकी सास और ससुर के शव बरामद कर लिए गए हैं, लेकिन उनका बेटा, साला, पत्नी और उनका छह साल का बेटा और दो महीने की बेटी की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है.
कुल्लू के आला अधिकारी ने बताया कि मणिकरण क्षेत्र में मलाना II बिजली परियोजना स्थल पर 33 फंसे हुए लोगों को बचाया गया है. तेज बारिश के कारण एक दीवार और सुरंग का रास्ता बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और पानी बैराज में घुस गया था, लेकिन एनडीआरएफ और होमगार्ड की टीमों की तत्परता से लोगों को बचा लिया गया.
कंगना ने हादसे पर कही ये बात
मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने बादल फटने की घटनाओं में लोगों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि दुर्गम इलाकों में लोगों का जीवन बहुत ही कठिन है और हर साल ऐसी आपदाएं होती है. यह बहुत ही दुखद है.
दूसरी ओर, अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), सेना, पुलिस और होमगार्ड के जवान और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल बचाव अभियान में शामिल हैं.
वर्षाजनित घटनाओं में अब तक 73 लोगों की हुई मौत
उन्होंने दावा किया कि शिमला जिले के रामपुर उपखंड के समेज इलाके में बहुत ही नुकसान हुआ है, क्योंकि बुधवार रात श्रीखंड महादेव मार्ग के पास बादल फटने से गानवी, सरपारा और कुर्बन नाले में अचानक बाढ़ आ गई. बादल फटने से कुल्लू और शिमला दोनों जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.
शिमला के आला अधिकारी ने बताया कि बाढ़ के कारण रामपुर में समेज खड्ड में पानी बढ़ने से दो लोगों की मौत हो गई है और 30 से अधिक लापता हैं. राज्य के आपातकालीन परिचालन केंद्र का कहना है कि 27 जून को मानसून के आगमन के बाद से अब तक वर्षाजनित घटनाओं में 73 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य को करीब 649 करोड़ रुपये का नुकसान का सामना करना पड़ा है.