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Haryana Election Results: हरियाणा में एक फिर बीजेपी सरकार! बीजेपी ने कांग्रेस को हरा लगाया जीत की हेट्रिक, जानें हरियाणा में कांग्रेस की हार के प्रमुख कारण

Haryana Vidhan Sabha Chunav Results 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में आज नतीजों की बारी है. इसी के साथ साफ हो जाएगा कि बीजेपी सत्ता में बनी रहेगी या उसे बाहर का रास्ता देखना होगा. वहीं वापसी का इंतजार कर रही कांग्रेस को लेकर भी तस्वीर साफ हो जाएगी. हरियाणा चुनाव के नतीजों के रुझान आने शुरू हो गए हैं.

हरियाणा की 90 सीटों पर 1031 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जिनकी हार और जीत का फैसला पोस्टल बैलट और ईवीएम में दर्ज वोटों से होगा. राज्य में 101 महिला प्रत्याशी भी हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी, विपक्षी कांग्रेस, जेजेपी, आईएनएलडी, बसपा, एएसपी के अलावा आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी भी मुकाबले में हैं. यहां 5 अक्टूबर को मतदान कराया गया था और 20 हजार से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए थे.

हरियाणा में 65.65 प्रतिशत वोटिंग
हरियाणा की 20,354,350 मतदाता में से 65.65 प्रतिशत ने वोटिंग में हिस्सा लिया. मतदान के दिन राजनीतिक पार्टियों के बीच भिड़ंत भी देखी गई जिसके बाद सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी.

क्या जीत दर्ज कर पाएंगे ये नए चेहरे?
विधानसभा चुनाव में कई कद्दावरों की साख दांव पर है, कुछ ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने चुनाव से ठीक पहले राजनीति में कदम रखा जिनमें रेस्लर विनेश फोगाट भी शामिल हैं. विनेश जुलाना से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहे हैं. वह कैथल से मैदान में हैं. इस बार के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों में बगावत देखी गई और कुछ नामी चेहरे निर्दलीय मैदान में उतर गए.

कौन कौन वीआईपी उम्मीदवार?

चुनावी मुकाबले में उतरे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री सैनी (लाडवा), विपक्ष के नेता हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई), इनेलो के अभय चौटाला (ऐलनाबाद), जजपा के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), बीजेपी के अनिल विज (अंबाला कैंट), कैप्टन अभिमन्यु (नारनौंद), ओ पी धनखड़ (बादली), आप के अनुराग ढांडा (कलायत) और कांग्रेस की विनेश फोगाट (जुलाना) हैं. तोशाम सीट से पूर्व सांसद और बीजेपी की नेता श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों चचेरे भाई-बहन हैं.

डबवाली से देवीलाल के पोते और इनेलो के उम्मीदवार आदित्य देवीलाल पूर्व उपप्रधानमंत्री के परपोते जेजेपी के दिग्विजय सिंह चौटाला से मुकाबला कर रहे हैं. बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को हिसार के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है, जबकि महेंद्रगढ़ के अटेली से आरती राव को उम्मीदवार बनाया है, जिनके पिता राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय मंत्री हैं. निर्दलीय उम्मीदवारों में सावित्री जिंदल (हिसार), रणजीत चौटाला (रानिया) और चित्रा सरवारा (अंबाला कैंट) शामिल हैं. उचाना से दुष्यंत के खिलाफ कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह मैदान में हैं, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं.

सतीश पूनिया बोले- तीन पक्षों को जाता है हरियाणा में जीत का श्रेय

हरियाणा चुनाव के परिणाम पर बीजेपी नेता सतीश पूनिया ने कहा, “इस जीत का श्रेय तीन पक्षों को जाता है-हरियाणा की जनता, बीजेपी का केंद्र नेतृत्व जिसमें पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं और पार्टी के सभी सदस्य जिन्होंने टीम में काम किया और एक अच्छी रणनीति के जरिए जीत हासिल की. ये सभी की जीत है.”

 

उचाना कलां से बीजेपी के देवेंद्र अत्री ने कांग्रेस के ब्रजेंद्र सिंह को हराया

हरियाणा की उचाना कलां सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार देवेन्द्र चतर भुज अत्री ने मात्र 32 वोट के अंतर से जीत हासिल की और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी ब्रजेन्द्र सिंह को हरा दिया. निर्वाचन आयोग ने यह जानकारी दी है. अत्री ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व आईएएस अधिकारी ब्रजेन्द्र सिंह को हराया.

जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला (जो उचाना सीट से निवर्तमान विधायक हैं) पांचवें स्थान पर हैं. अत्री को 48,968 वोट मिले जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार सिंह (जो पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं) को 48,936 वोट मिले. वहीं चौटाला को 7,950 वोट मिले. हरियाणा में पांच अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना मंगलवार सुबह आठ बजे शुरू हुई.

अंबाला कैंट सीट से सातवीं बार जीते अनिल विज

अंबाला कैंट सीट से जीते वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल विज जीत ली है. पूर्व गृह मंत्री ने निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा को 7,277 मतों के अंतर से हराया. विज ने अंबाला कैंट विधानसभा सीट से सातवीं बार जीत दर्ज की है.

हरियाणा की निवर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता चुनाव हारे

हरियाणा की निवर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष एवं पंचकूला के मौजूदा विधायक ज्ञान चंद गुप्ता मंगलवार को कांग्रेस के चंद्रमोहन से चुनाव हार गए.गुप्ता को चंद्रमोहन ने पंचकूला सीट पर 1,997 मतों के अंतर से हराया. चंद्रमोहन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजन लाल के बड़े बेटे हैं. हरियाणा में पांच अक्टूबर को विधानसभा चुनाव हुआ था और मतों की गिनती मंगलवार को हुई.

हरियाणा की निवर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता चुनाव हारे

हरियाणा की निवर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष एवं पंचकूला के मौजूदा विधायक ज्ञान चंद गुप्ता मंगलवार को कांग्रेस के चंद्रमोहन से चुनाव हार गए.गुप्ता को चंद्रमोहन ने पंचकूला सीट पर 1,997 मतों के अंतर से हराया. चंद्रमोहन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजन लाल के बड़े बेटे हैं. हरियाणा में पांच अक्टूबर को विधानसभा चुनाव हुआ था और मतों की गिनती मंगलवार को हुई.

कैथल सीट से अपने बेटे आदित्य की जीत पर क्या बोले रणदीप सिंह सुरजेवाला?

हरियाणा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कृष्ण लाल मिड्ढा और फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के मौजूदा विधायक मम्मन खान ने अपने-अपने क्षेत्रों से मंगलवार को जीत हासिल की. विधानसभा चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों में कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के पुत्र आदित्य सुरजेवाला भी शामिल हैं.

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, जींद से बीजेपी के मौजूदा विधायक मिड्ढा ने कांग्रेस के महावीर गुप्ता को 15,860 मतों से हराया. वहीं खान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के नसीम अहमद को 98,441 मतों के भारी अंतर से हराया. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला ने कैथल सीट पर बीजेपीके मौजूदा विधायक लीला राम को 8,124 मतों से हराया. वहीं खरखौदा से बीजेपीके पवन खरखौदा ने कांग्रेस के जयवीर सिंह को 5,635 मतों से हराया. सफीदों सीट पर बीजेपीके राम कुमार गौतम ने कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष गांगोली को 4,037 मतों से हराया. कांग्रेस के राम करण ने शाहबाद सीट पर बीजेपी के सुभाष चंद को 6441 मतों से हराया।कांग्रेस उम्मीदवार अशोक अरोड़ा ने थानेसर से निवर्तमान मंत्री सुभाष सुधा को 3,243 मतों से हराया.

 

इनेलो के अभय चौटाला 15 हजार वोट से हारे

इनेलो के अभय चौटाला हरियाणा की ऐलनाबाद सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार भरत सिंह बेनीवाल से 15,000 मतों के अंतर से हारे.

लाडवा सीट से जीते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

चुनाव आयोग के अनुसार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को लाडवा विधानसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मेवा सिंह के खिलाफ 16,054 मतों के अंतर से जीत हासिल की. हरियाणा की 90 सीटों में से 50 सीटों पर भाजपा आगे है जबकि कांग्रेस 35 सीटों पर आगे है. वोटों की गिनती जारी है.

हरियाणा में बीजेपी को बढ़त पर क्या बोले सीएम नायब सिंह सैनी

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “हरियाणा की 2 करोड़ 80 लाख जनता को मैं दिल से प्रणाम करता हूं, उनका दिल से धन्यवाद करता हूं कि हरियाणा के किसान, गरीब, महिलाओं, युवाओं ने भाजपा के कामों के ऊपर तीसरी बार मुहर लगाई है. मैं हरियाणा की जनता का बहुत-बहुत आभारी हूं. ये सारा काम प्रधानमंत्री का है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व से ही हम आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी ने मुझे आशीर्वाद दिया है.”

कांग्रेस की विजेता उम्मीदवार विनेश फोगाट ने किया रोड शो

हरियाणा की जुलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की विजेता उम्मीदवार विनेश फोगाट ने रोड शो किया.हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के पीछे होने पर उन्होंने कहा, “सब्र रखो, सब्र रखो..”

 

ताजा रुझानों में बीजेपी 50 सीटों पर आगे और कांग्रेस को 35 सीटों पर बढ़त

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र में अपने आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का स्वागत किया. चुनाव आयोग के रुझानों के मुताबिक बीजेपी 50 सीटों पर आगे है, कांग्रेस 35 सीटों पर है.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा 71,465 वोटों से जीते

गढ़ी सांपला-किलोई से पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह हुड्डा 71,465 वोटों से चुनाव जीत चुके हैं.

 

सीएम नायब सिंह सैनी ने पीएम मोदी को दिया जीत का श्रेय

हरियाणा में अब तक आए रुझानों के मुताबिक बीजेपी की सरकार बनती नजर आ रही है. इस चुनावी नतीजों का श्रेय सीएम नायब सिंह सैनी ने पूरा का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है. सीएम सैनी ने कहा कि पीएम मोदी की नीतियों पर हरियाणा की जनता ने मुहर लगाई है. मैं हरियाणा के बीजेपी के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने ऐतिहासिक जीत दिलवाई है. मैं उन्हें बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं.

मनोहर लाल खट्टर के आवास पर चल रही बैठक खत्म

हरियाणा विधानसभा चुनाव में जारी मतगणना के बीच मनोहर लाल खट्टर के आवास पर चल रही बैठक खत्म हो गई है. मीटिंग से धर्मेंद्र प्रधान ,विप्लव देव, सुरेन्द्र सिंह नागर और जितिन प्रसाद पूर्व सीएम के आवास से निकल गए हैं.

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम लगभग साफ हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार बहुमत हासिल करते हुए दिखाई दे रही है। बता दें कि ये पहली बार है जब हरियाणा में एक ही पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में आई हो। सभी ओपिनियन और एग्जिट पोल में कांग्रेस को हरियाणा में आसान जीत हासिल करते दिखाया जा रहा था। हालांकि, चुनाव परिणाम ठीक इसके विपरित आए हैं। ऐसे में कांग्रेस के सभी नेताओं में भी इस बात की चर्चा हो रही है कि पार्टी इस चुनाव में कहां पर चूक गई। आइए जानते हैं उन कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जिन्होंने हरियाणा में कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया।

आंतरिक कलह और गुटबाजी

चुनाव शुरू होने के आखिर तक कांग्रेस पार्टी आंतरिक कलह से जूझती रही थी। कांग्रेस के भीतर ही भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला जैसे कई गुट सामने आ गए थे। हालात ऐसे थे कि कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने काफी देरी से चुनाव प्रचार को शुरू किया। राहुल गांधी भी रैली में भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा का हाथ मिलवाते हुए नजर आए थे।

भूपेंद्र हुड्डा पर पूरा निर्भर होना

दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पूरी तरह से भूपेंद्र हुड्डा पर ही निर्भर होती दिखाई दी। टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार तक भूपेंद्र हुड्डा हावी रहे। जब कांग्रेस में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारा हुआ तो इसमें भी ज्यादातर हुड्डा गुट के विधायकों को ही टिकट दिए गए।

पहलवानों के आंदोलन को राजनीतिक बनाना

दरअसल, कांग्रेस को हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहलवानों के आंदोलन को राजनीतिक बनाना भी भारी पड़ गया। पहलवान आंदोलन जिसे शुरू में लोगों की हमदर्दी मिल रही थी, कांग्रेस की एंट्री होते ही राजनीतिक बन गया। इसके बाद पार्टी ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को भी कांग्रेस में शामिल करा लिया जिसके बाद पहलवानों के आंदोलन पर राजनीति के आरोप लगे।

ओवर कॉन्फिडेंस में आना

लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी ने 2014 और 2019 के मुकाबले काफी बेहतर प्रदर्शन किया। पार्टी ने हरियाणा की 10 में 5 सीटें भी जीतीं। हालांकि, पूरे हरियाणा विधानसभा चुनाव में ऐसे लगा जैसे कांग्रेस इस जीत के बाद ओवर कॉन्फिडेंस में आ गई। पार्टी ने भाजपा को कमजोर समझने की भूल कर दी जिस कारण उसे चुनाव परिणाम में खामियाजा भुगतना पड़ा।

जाति और आरक्षण के भरोसे चुनाव

हरियाणा में कांग्रेस और राहुल गांधी का पूरा चुनावी कैंपेन जाति और आरक्षण के आस-पास ही घूमता रहा। जबकि भाजपा लगातार अपने 10 साल के काम के साथ प्रचार करती रही। इसके साथ ही भाजपा ने हरियाणा में कांग्रेस की उसकी पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों पर भी खूब आलोचना की। इसके साथ ही भाजपा ने पूरे चुनाव में राहुल गांधी द्वारा अमेरिका जाकर आरक्षण खत्म करने पर बात करने को भी मुद्दा बनाया

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