Haryana Congress News: हरियाणा में कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच गुटबाजी की समस्या जगजाहिर हो गई है. ऐसे में पार्टी नेता राहुल गांधी ने संगठन के कायाकल्प अभियान के तहत बड़ा कदम उठाया राहुल गांधी ने बुधवार (4 जून) को हरियाणा के सीनियर नेताओं, और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की.
हरियाणा कांग्रेस कुछ समय पहले तक गुटबाजी से ग्रस्त रही है. ऐसे में राहुल गांधी ने अपने नेताओं को दो टूक कहा है कि बात जब पार्टी के काम की हो, तो कोई गुटबाजी आड़े नहीं आनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि अगर कोई शिकायत आती है, तो कार्रवाई की जाएगी.
हरियाणा में कांग्रेस के पास नहीं जिला स्तर का संगठन
नियुक्त पर्यवेक्षकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने हरियाणा के सभी जिलों में आशाजनक, वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध नेतृत्व को विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया. हरियाणा में कांग्रेस पिछले एक दशक से सत्ता से बाहर है. इतना ही नहीं, बीते 11 साल में पार्टी के पास जिला स्तर का संगठन तक नहीं है. इसलिए राहुल गांधी का हरियाणा दौरा कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत दे रहा है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पार्टी के ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत एयरपोर्ट पहुंचने के आधे घंटे बाद हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (HPCC) मुख्यालय पहुंचे. अपनी ढाई घंटे की यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें 20 से ज्यादा नेताओं ने हिस्सा लिया. इसके बाद एआईसीसी और पीसीसी पर्यवेक्षकों के साथ एक और बैठक हुई.
कांग्रेस को मजबूत बनाने का संदेश
इसके बाद, उन्होंने एआईसीसी पर्यवेक्षकों के साथ अलग से एक और बैठक की. शाम को कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कांग्रेस को मजबूत बनाना है.
हरिप्रसाद ने बताया कि राहुल गांधी ने अपनी बैठकों के दौरान कहा कि इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है कि कौन किस समूह का हिस्सा है, लेकिन पार्टी के किसी भी काम में कोई गुटबाजी आड़े नहीं आनी चाहिए और अगर कोई शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी बैठक में रहे मौजूद
वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख उदयभान, बीरेंद्र सिंह समेत हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ पूर्व प्रमुख, महासचिव कुमारी सैलजा और वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, अजय सिंह यादव, सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और अशोक तंवर भी मौजूद थे.
पार्टी नेताओं ने कहा कि इन वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी इकाई के पुनर्गठन और हरियाणा में जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) और कांग्रेस को मजबूत बनाने के बारे में सुझाव दिए. बाद में राहुल गांधी ने एआईसीसी और पीसीसी पर्यवेक्षकों से मुलाकात की क्योंकि पार्टी की हरियाणा इकाई संगठनात्मक कैडर को स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने वाली है.
DCC अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए बनाए गए पर्यवेक्षक
कांग्रेस नेता ने एआईसीसी पर्यवेक्षकों से भी अलग से मुलाकात की, जिनमें राज्य के 22 जिलों के लिए नियुक्त एक-एक पर्यवेक्षक और 69 प्रदेश कांग्रेस पर्यवेक्षक शामिल थे. पार्टी ने हरियाणा में डीसीसी अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं.
पार्टी महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हरियाणा में संगठन सृजन अभियान के तहत नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी जी ने नियुक्त पर्यवेक्षकों की एक बैठक को संबोधित किया और राज्य के सभी जिलों में आशाजनक, वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध नेतृत्व को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया.’
हरिप्रसाद ने कहा कि 10 जून के बाद, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक डीसीसी प्रमुखों की नियुक्ति की प्रक्रिया के तहत संबंधित जिलों का दौरा करेंगे और प्रत्येक जिले से छह नामों के एक पैनल की सिफारिश करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘हमने डीसीसी अध्यक्षों के लिए आवेदन का प्रारूप जारी कर दिया है…उसे कम से कम पांच साल तक पार्टी का सक्रिय सदस्य होना चाहिए और कांग्रेस की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए….’
हरिप्रसाद ने कहा कि डीसीसी प्रमुखों की नियुक्तियों में एससी/एसटी, ओबीसी श्रेणियों के लोगों और महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक बार डीसीसी प्रमुखों की नियुक्ति हो जाने के बाद पार्टी की राज्य इकाई में अन्य नियुक्तियां भी की जाएंगी.
अक्टूबर 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथों कांग्रेस की लगातार तीसरी हार के बारे में पूछे जाने पर हरिप्रसाद ने कहा कि गांधी का दौरा संगठनात्मक ढांचे से संबंधित प्रक्रिया को गति देने के लिए था. उन्होंने कहा कि हालांकि, एक बात जो सामने आई वह यह थी कि विधानसभा चुनावों में पार्टी की मामूली हार का कारण भी संगठनात्मक ढांचे में कमी था.
बुधवार की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 11 साल से हरियाणा में कांग्रेस के पास संगठनात्मक ढांचे का अभाव था. उन्होंने कहा कि जब हरियाणा में पूरा संगठनात्मक ढांचा तैयार हो जाएगा तो पार्टी और मजबूत होगी.
हरियाणा में कांग्रेस में पहले भी अंदरूनी कलह देखने को मिली है, इस सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, ‘सभी एकजुट हैं.’ पर्यवेक्षकों की बैठक में हिस्सा लेने वाले अमित सिहाग ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस नेतृत्व एक ऊर्जावान संगठन बनाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता इसमें भूमिका निभाएंगे.
सिहाग ने कहा, ‘जल्द ही आप हरियाणा में हमारी पार्टी का एक मजबूत संगठन देखेंगे.’ उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी. सिहाग ने कहा, ‘राहुल जी इस पर अपने विचार व्यक्त करने और सभी से मिलने आए थे.’
इससे पहले, गांधी के हवाई अड्डे पर पहुंचने पर पार्टी नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. गांधी ने मंगलवार को ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत भोपाल का दौरा किया था. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदयभान ने इससे पहले कहा था कि पिछले साल दिसंबर में कर्नाटक के बेलगावी में हुई बैठक में कांग्रेस ने फैसला किया था कि 2025 संगठन को मजबूत करने का साल होगा.