डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन हरदोई के एक डॉक्टर ने ऐसा काम किया है कि यह पूरा पेशा ही शर्मसार हो गया है. इस डॉक्टर ने लैब असिस्टेंट के साथ मिलकर डिलीवरी के लिए आई प्रेग्नेंट महिला को पहले एचआईवी पॉजिटिव की रिपोर्ट दे दी और फिर इलाज के नाम पर 55 हजार रुपये ऐंठ लिए. महिला को शक हुआ तो उसने दूसरे लैब में जांच कराई. वह रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला ने सीएमओ को शिकायत दी. अब सीएमओ के रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर, लैब असिस्टेंट के अलावा आशा बहू और नर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
वहीं गैंगस्टर एक्ट की धाराओं में डॉक्टर और लैब असिस्टेंट को अरेस्ट कर लिया है. हरदोई के सवायजपुर कोतवाली पुलिस के मुताबिक यह मामला न्यू हिंद अस्पताल का है. कोतवाल आलोक मणि त्रिपाठी के मुताबिक आरोपियों की पहचान सिमरिया गांव के रहने वाले लैब असिस्टेंट सचिन दीक्षित और श्रावस्ती जिले के डॉक्टर हिमांशु पाठक के रूप में हुई है. इन दोनों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में आशा बहू रेखा व नर्स लक्ष्मी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच कराई जा रही है. जरूरी हुआ तो इनकी भी गिरफ्तारी होगी.
30 जून की है घटना
कोतवाल के मुताबिक प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह सभी आरोपी संगठित रूप से लोगों को गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की बात कह कर डराते थे और फिर उनसे मोटी रकम वसूल करते थे. कोतवाल आलोक मणि त्रिपाठी के मुताबिक करीब एक महीने पहले 30 जून को भरखनी गांव की रहने वाली एक प्रेग्नेंट महिला डिलीवरी के लिए पाली स्थित स्वास्थ्य केंद्र आई थी. यहां डॉक्टर ने उसके खून की जांच कराई. इसमें लैब संचालक ने महिला को एचआईवी पॉजिटिव होने की रिपोर्ट दी.
एचआईवी के नाम पर डरा कर वसूले 55 हजार रुपये
इसके बाद डॉक्टर ने महिला को इस रिपोर्ट के आधार पर खूब डराया और इलाज के नाम पर 60 हजार रुपयों की डिमांड की. आरोपियों ने 55 हजार रुपये वसूल भी लिए. हालांकि इसी दौरान महिला के परिजनों को शक हो गया और उन्होंने महिला के ब्लड की जांच शाहजहांपुर स्थित दूसरे लैब में कराई. यहां रिपोर्ट एचआईवी निगेटिव आई. इसके बाद महिला के पति ने सीएमओ और नोडल अधिकारी को शिकायत दी. इस शिकायत के आधार पर मामले की जांच कराई गई. इसमें पूरा मामला साफ होने के बाद नोडल अधिकारी मनोज सिंह ने 12 जुलाई को न्यू हिंद हॉस्पिटल को सील कर दिया. वहीं 23 जुलाई को लैब भी सील कर दिया गया.