गुजरात के साबरकांठा जिले में 10वीं क्लास की छात्रा के साथ टीचर ने रेप की वारदात को अंजाम दिया है. गणतंत्र दिवस पर इस छात्रा ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान पर प्रभावशाली भाषण दिया था. भाषण इतना बेहतर था कि उसे इसके लिए अवॉर्ड भी मिला था. उसे नहीं पता था कि जिस स्कूल में उसे अवॉर्ड मिला, वहीं के टीचर उसकी इज्जत से खिलवाड़ करेंगे. उसी के स्कूल के 33 वर्षीय टीचर ने 7 फरवरी को उसे होटल में बुलाया और फिर दुष्कर्म किया. इतना ही नहीं आरोपी ने दुष्कर्म के बाद उसे बोर्ड परीक्षा में फेल करने की धमकी भी दी थी.
घटना के बाद शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया. इतनी दर्दनाक घटना के बावजूद, छात्रा अपने सपनों को नहीं छोड़ना चाहती है. उसने कहा, ‘मैं हमेशा से पुलिस अधिकारी बनना चाहती हूं. विज्ञान और गणित मेरे पसंदीदा विषय हैं. मैं अपने बोर्ड परीक्षा के परिणामों के आधार पर आगे की पढ़ाई चुनूंगी.’
परिवार और समाज का सहयोग
घटना के बाद से छात्र अपने चाचा के घर रह रही है, जहां उसकी दो चचेरी बहनें भी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं. उसके चाचा ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि रिश्तेदारों के बार-बार आने से उसकी पढ़ाई में बाधा आए. हमें उसकी हिम्मत और दृढ़ संकल्प पर गर्व है.’
स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया
छात्रा के स्कूल के प्रधानाचार्य ने भी उसके साहस की सराहना करते हुए कहा, ‘वह एक मेधावी छात्र है. इतनी कठिन परिस्थिति के बावजूद, उसने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी, जो सभी के लिए प्रेरणादायक है.’
समाज को सीख लेने की जरूरत
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि जब एक लड़की खुद बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश देती है और फिर भी उसे इस तरह के अपराध का शिकार होना पड़ता है, तो समाज में बेटियों की सुरक्षा को लेकर हमें और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. हमें ऐसा माहौल बनाना होगा जहां बेटियां बिना किसी डर के अपने सपनों को पूरा कर सकें और अपराधियों के मन में डर बना रहे.
अपराधियों को कड़ी सजा जरूरी
ऐसे अपराधियों को उनके किए की कठोरतम सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और लड़की इस तरह की भयावह घटना का शिकार न हो सके. यह छात्रा सभी के लिए साहस और हिम्मत की मिसाल है, और हमें उम्मीद है कि वह अपनी लगन से जल्द ही अपने सपनों को पूरा करेगी.