उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से धोखाधड़ी का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. 12 मार्च को कृष्ण शेखर राणा नाम के एक शख्स को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया, जो ओमान का फर्जी ‘हाई कमिश्नर’ बन रहा था और सराकरी सुविधाओं का लाभ ले रहा था. उसने न सिर्फ फेक लेटरहेड पर पुलिस से सुरक्षा मांगी. बल्कि वह एक ब्लैक मर्सिडीज लेकर घूमता रहा, जिस पर उसने ओमान का झंडा और डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगाई हुई थी.
जब कृष्ण शेखर राणा के बारे में जानकारी निकाली गई तो पता चला कि वह 6 यूनिवर्सिटीज में वाइस चांसलर के रूप में काम भी कर चुका था. राणा आगरा में काफी मशहूर है, जहां उसने अपना खुद का कृष्णा ग्रुप ऑफ कॉलेज शुरू किया था. राणा एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखता है और पूर्व सपा विधायक विजय सिंह राणा का भाई है, जिनकी 2021 में मौत हो गई थी. कृष्ण शेखर राणा ने आगरा में डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी में 30 सालों तक पढ़ाया. यहां वह 1982 में लेक्चरर से 2006 में प्रोफेसर के पद तक पहुंचा और 2015 में रिटायर हुआ.
6 यूनिवर्सिटीज में वाइस चांसलर
इसके बाद उसने 6 यूनिवर्सिटीज में वाइस चांसलर के रूप में काम किया. इनमें कुमाऊं यूनिवर्सिटी, मेवाड़ यूनिवर्सिटी और जयपुर तकनीकी विश्वविद्यालय (University of Technology, Jaipur) शामिल हैं. आगरा में अंबेडकर विश्वविद्यालय के एक सीनियर प्रोफेसर ने बताया कि डॉ. राणा एक प्रतिष्ठित विद्वान हैं और हमने कभी उनके बारे में किसी ऐसी बात के बारे में नहीं सुना. स्टूडेंट उन्हें पसंद करते थे. उनकी गिरफ्तारी की खबर चौंकाने वाली है. 1999 में, उन्होंने आगरा में कृष्णा पीजी कॉलेज की स्थापना की, जिसमें अब एक हजार से ज्यादा छात्र हैं.
विदेशी यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री
कृष्ण शेखर राणा ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर दावा किया है कि उनके पास यू.के. में कॉमनवेल्थ वोकेशनल यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री है और न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन कमीशन से डी.एल.आई.टी. की डिग्री है. उनका यह भी दावा है कि वे 2015 से 2018 के बीच पर्यावरण मंत्रालय में मूल्यांकन प्राधिकरण (Assessment Authority in Ministry of Environment) के विशेषज्ञ सलाहकार रहे हैं. पर्यावरण मंत्रालय के पास ऐसा कोई विंग नहीं है. हालांकि, इसका ओमान से संबंध है.
अलग-अलग समय पर मांगी सुरक्षा
पिछले साल 25 दिसंबर को उन्होंने रोटरी यूथ लीडरशिप अवार्ड्स में फरीदाबाद के एक कार्यक्रम के लिए फिर से वीआईपी प्रोटोकॉल मांगा. इस साल 8 मार्च को, उसने मथुरा में इसी तरह की व्यवस्था की मांग की. 22 फरवरी को उसने दिल्ली में एक कार्यक्रम में भाग लिया, लेकिन वीआईपी प्रोटोकॉल की मांग नहीं की, लेकिन गाजियाबाद में उसका पर्दा फाश हो गया, जहां उसने अपनी बेटी से मिलने के लिए सुरक्षा मांगी थी.