Ghaziabad:-हरनंदी डूब क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग कर काटी जा रही पांच कॉलोनियों में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की टीम ने मंगलवार को बुलडोजर चलाया। कॉलोनी की चारदीवारी, सड़क आदि को ध्वस्त कर दिया।
अवैध रूप से प्लॉटिंग करने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
इन इलाकों में काटी जा रही थी कॉलोनियां
प्रवर्तन जोन आठ के करहैड़ा, असालतपुर, हरनंदी, सिकरानी, चिरौडी रोड, प्रेम नगर, रामेश्वर पार्क, गढ़ी कटैया गांव में डूब क्षेत्र में पांच अवैध कॉलोनी बनाकर प्लॉटिंग की जा रही थी। कॉलोनी में प्लॉट बेचे जा रहे थे। प्लॉट बेचने के लिए उनका प्रचार प्रसार किया जा रहा था। अनजाने में लोग प्लाट खरीदकर अपनी जमा पूंजी को निवेश कर रहे थे।
शिकायत मिलने पर जीडीए की टीम कॉलोनी में पहुंची। अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त कर दिया गया। कार्रवाई के समय सहायक अभियंता, अवर अभियंता और सुपरवाइजर स्टाफ के साथ उपस्थित रहे। निर्माणकर्ता को निर्देशित किया गया है कि वह मानचित्र स्वीकृत के अनुसार ही निर्माण करें।
डिफाल्टरों को आरसी जारी
आवास विकास परिषद ने 53 डिफाल्टरों के खिलाफ आरसी जारी की है। सभी पर करीब पांच करोड़ रुपये का बकाया हैं। इनके खिलाफ तहसील स्तर से नोटिस, कुर्की और गिरफ्तारी की कार्रवाई हो सकती है।
आवास विकास परिषद के संपत्ति प्रबंधक नृपेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि डिफाल्टरों पर करीब 10 वर्ष से बकाया है। नोटिस जारी करने के बाद भी डिफॉल्टरों ने बकाया जमा नहीं किया। इससे विभाग को आर्थिक क्षति हो रही है।
बजरिया के पांचों होटल सील
सितंबर माह में देह व्यापार का मामला सामने आने के बाद बजरिया के पांच होटल जिला प्रशासन की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने सील कर दिए हैं। दैनिक जागरण ने चार अक्टूबर के अंक में बिना लाइसेंस चल रहे थे। ‘बजरिया के पांच होटल, होंगे सील’ शीर्षक के साथ समाचार प्रकाशित कर बताया था कि जिला प्रशासन ने होटल सील करने की संस्तुति कर दी है।
होटल मालिक युवतियों से कराते थे देह व्यापार
26 सितंबर को एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी ने बजरिया के पांच होटल में पुलिस टीम के साथ छापा मार था। इस दौरान होटल में देह व्यापार का पर्दाफाश हुआ था। पुलिस ने युवतियों को रेस्क्यू किया तो पता चला कि होटलों में नौकरी के बहाने युवतियों को बुलाकर होटल मालिक देह व्यापार कराते थे।
इस मामले में कोतवाली पुलिस ने होटल के लाइसेंस की जानकारी जिला प्रशासन से मांगी थी। जिला प्रशासन ने जब होटल संचालकों को सराय एक्ट के तहत लाइसेंस लेने के संबंध में नोटिस जारी कर जानकारी मांगी तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद जिला प्रशासन ने होटलों को सील करने के लिए पत्र जारी कर दिया था।