पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
इस बीच, केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह की स्मृति में राष्ट्रीय राजधानी में एक स्मारक बनाने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से चिट्ठी जारी कर इसकी जानकारी दी गई। दरअसल, कांग्रेस उनके अंतिम संस्कार वाली जगह पर ही स्मारक बनाने की मांग कर रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को 11 बजकर 45 मिनट पर दिल्ली के निगमबोध घाट पर होगा। निगमबोध घाट के पास रास्तों में कई बदलाव किए गए हैं।
दिल्ली यातायात पुलिस ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार से पहले एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि विदेश के कई गणमान्य व्यक्ति, वीआईपी/वीवीआईपी और आम जनता इस अवसर पर निगम बोध घाट का दौरा करेंगे। इस वजह से राजा राम कोहली मार्ग, राजघाट रेड लाइट, सिग्नेचर ब्रिज और युधिष्ठिर सेतु पर डायवर्जन किया गया है। रिंग रोड (महात्मा गांधी मार्ग), निषाद राज मार्ग, बुलेवार्ड रोड, एसपीएम मार्ग, लोथियन रोड और नेताजी सुभाष मार्ग पर सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक ट्रैफिक प्रभावित रह सकता है।
लोगों को इन सड़कों और मार्गों से बचने की सलाह दी गई है, साथ ही उस क्षेत्र से भी बचने को कहा गया है जहां से अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी, लाल किला, चांदनी चौक और तीस हजारी कोर्ट जाने वाले यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे रास्ते पर संभावित देरी को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त समय लेकर निकलें।
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह
सड़क पर भीड़भाड़ कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की भी सलाह दी गई है। वाहनों को केवल तय पार्किंग स्थलों पर ही पार्क किया जाना चाहिए। सड़क किनारे पार्किंग से बचना चाहिए क्योंकि इससे यातायात का सामान्य प्रवाह बाधित होता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई असामान्य या अज्ञात वस्तु या व्यक्ति संदिग्ध परिस्थितियों में देखा जाता है, तो जनता से आग्रह है कि वे इसकी सूचना पुलिस को दें।
निगमबोध घाट पर होगा अंतिम संस्कार
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर को राजकीय सम्मान के साथ सुबह 11:45 बजे नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा। डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह उम्र संबंधी बीमारियों के कारण घर पर अचानक बेहोश हो गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक देश के वित्त मंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने उदारीकरण की नीति अपनाकर देश को आर्थिक संकट से बचाया। उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में काम किया। उनका कार्यकाल विशेष रूप से आर्थिक संकटों के दौरान उनके स्थिर नेतृत्व और भारत की अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है।