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Farmer Protest: किसानों और सरकार के बीच चौथे दौर में सकारात्मक बातचीत हुई, सरकार ने MSP को लेकर किसानों को एक प्रस्ताव दिया, केंद्र के साथ किसानों की चौथे दौर की बातचीत में क्या हुआ? जानिए इनसाइड स्टोरी

Farmers Protest Latest News: किसान नेताओं और केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों (अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय) के बीच रविवार (18 फरवरी) को चौथे दौर की वार्ता हुई. देर रात तक चली इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच कई बातों पर सहमति बनी. पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि बैठक के दौरान केंद्र सरकार ने एमएसपी पर पांच साल की योजना सहित कुछ और प्लान पेश किए, इसके बाद किसानों ने फिलहाल ‘दिल्ली चलो’ मार्च पर रोक लगा दी है.

चंडीगढ़ में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की चौथे दौर की बातचीत करीब 4 घंटे चली. बैठक में केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई, प्रस्ताव पर किसान आपस में चर्चा करके सरकार से फिर बात करेंगे. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा, नित्यानंद राय के साथ-साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी चौथे दौर की बैठक में मौजूद थे. केंद्र सरकार ने किसानों को फसलों के डायवर्सिफिकेशन और कुछ अन्य फसलों की एसएसपी पर खरीद को लेकर एक नया प्रपोजल दिया गया है.

एमएसपी पर केंद्र के प्रस्ताव से किसान खुश नजर आए हैं. अब एमएसपी पर केंद्र के प्रस्ताव पर किसान नेता आपस में चर्चा करेंगे, तो वहीं बाकी विवादित मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री सरकार से चर्चा करके किसानों से एक बार फिर बात करेंगे. इस बीच किसानों ने 21 फरवरी को दिल्ली कूच के अपने प्लान को स्टैंड बाय में रखने का ऐलान किया है. सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद, किसानों की कर्ज माफी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशे लागू करने जैसी मांगों पर सहमति नहीं बनी है. किसानों ने सरकार को सभी मांगों पर विचार करने के लिए 48 घंटे यानी दो दिन का समय दिया है.

किसानों की अपील, हमे शांति से आगे बढ़ने दिया जाए

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हम अपने मंचों और विशेषज्ञों के साथ सरकार के प्रस्ताव (एमएसपी पर) पर चर्चा करेंगे और फिर, हम एक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे. हमारा मार्च (दिल्ली चलो) जारी रहेगा. जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, कई अन्य मांगों पर बातचीत की जरूरत है. वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब सरकार कुछ बात के ऊपर विचार विमर्श करने के लिए सोच रही है कुछ बात अपने आप बोल भी रही है इसलिए 19-20 का समय मिलेगा. दूसरा, हमारा कार्यक्रम 21 फरवरी को 11 बजे है , जिसे स्टैंड बाय पर रखा गया है.

सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि एमएससी, स्वामीनाथन आयोग और अन्य मुद्दों पर बात हुई. जो प्रपोजल आया है वो किसानों के हित में है या नहीं उस पर चर्चा कर फैसला लिया जाएगा. सरकार ने भी कहा है कि अन्य मुद्दों पर वो अपने प्लेटफॉर्म पर चर्चा करके हमें बताएंगे. हमारी केंद्र सरकार से अपील है कि हमें शांति से आगे बढ़ने दिया जाए. उन्होंने बताया कि सरकार के साथ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई है उस पर भी चर्चा की जाएगी. उम्मीद है कि हमारी मांगों पर सरकार दो दिन में जवाब देगी.

5 साल के लिए कांट्रेक्ट करेगी सरकार, लिमिट नहीं होगी तय

NCCF, NAFED और CCI जैसी सहकारी समितियां किसानों से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्का और कपास की फसल MSP पर खरीद के लिए 5 साल के लिए कांट्रेक्ट करेंगी, जिसमें खरीद की कोई लिमिट नहीं होगी. सरकार के इस प्रस्ताव पर किसान आज अपना फैसला बताएंगे. सरकार के प्रस्ताव पर किसानों ने कहा अपने संगठन और एक्सपर्ट से राय मशविरा कर अपना फैसला बताएंगे.

बैठक में क्या-क्या हुआ?

1. चंडीगढ़ सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में किसान नेता और तीनों केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी पहुंचे. रात 8:15 बजे शुरू हुई बैठक करीब 12:40 बजे खत्म हुई. बैठक खत्न होने के बाद बाहर आए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बातचीत को सकारात्मक बताया.

2. किसान नेताओं के साथ बैठक करने वाले तीन केंद्रीय मंत्रियों के पैनल ने सरकारी एजेंसियों की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दालों, मक्का और कपास की फसलों की खरीद के लिए पांच साल की योजना का प्रस्ताव रखा.

3. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक में कहा, “राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) जैसी सहकारी समितियां उन किसानों के साथ अनुबंध करेंगी जो अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल या मक्का उगाते हैं. अगले पांच वर्षों तक उनकी फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी.”

4. पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि खरीदी गई मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी और एक पोर्टल विकसित किया जाएगा. यह पंजाब की खेती को बचाएगा, भूजल स्तर में सुधार करेगा और भूमि को बंजर होने से बचाएगा जो पहले से ही खराब स्थिति में है.

5. केंद्र ने यह भी प्रस्ताव दिया कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) एक कानूनी समझौते के जरिए पांच साल तक किसानों से एमएसपी पर कपास खरीदेगा.

6. केंद्रीय मंत्रियों ने दालों, कपास और मक्का में विविधीकरण का प्रस्ताव पेश किया, जिसमें किसानों को बिना किसी मात्रा सीमा के न्यूनतम समर्थन मूल्य का आश्वासन दिया गया.

7. किसानों ने विचार-विमर्श करने और अपना निर्णय देने के लिए मंगलवार तक का समय मांगा.

8 पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि बैठक के दौरान केंद्र सरकार ने पांच साल की योजना सहित कुछ विचार पेश किए, जिसके बाद किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च पर रोक लगा दी है. हम साथी किसानों के साथ केंद्र की ओर से दिए गए प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे, विशेषज्ञों की राय लेंगे. हम अगले दो दिनों में इस (सरकार के प्रस्ताव) पर चर्चा करेंगे और सरकार भी विचार-विमर्श करेगी. अगर हमारे बीच सहमति नहीं बनती है तो अपना दिल्ली चलो मार्च जारी रखेंगे.

9. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने और किसानों की कर्ज माफी जैसी मांग पर चौथे दौर की बैठक में भी सहमित नहीं बनी.

10. पीयूष गोयल ने कहा कि बैठक में चर्चा किए गए कई नीतिगत मामलों को व्यापक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है और कुछ प्रतिनिधियों के साथ इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता है. आगामी चुनावों को देखते हुए, इन नीतिगत चर्चाओं को उचित समय पर संबोधित किया जाएगा.

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