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गाजा युद्ध और बंधकों की रिहाई के लिए कतर दोहा में एक बार फिर वार्ता की कोशिश जारी, कतर के मध्यस्थों के साथ मीटिंग करने के लिए एक इजराइली टीम दोहा पहुंची

गाजा युद्ध और बंधकों की रिहाई के लिए कतर दोहा में एक बार फिर वार्ता की कोशिश जारी है. वार्ता से जुड़े एक अधिकारी ने सोमवार को रॉयटर्स को बताया कि गाजा युद्ध विराम और बंधक रिहाई समझौते में रह गए मुद्दों पर कतर के मध्यस्थों के साथ मीटिंग करने के लिए एक इजराइली टीम दोहा पहुंची है.

अधिकारी के मुताबिक इस मीटिंग का फोकस अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की और से लाए गए 31 मई को निर्धारित समझौते पर इजराइल और हमास के बीच की खाई को पाटना है. गाजा युद्ध विराम के लिए कतर, मिस्र और अमेरिका की कोशिश में पिछले कुछ हफ्तों में तेजी आई है, लेकिन अभी तक दोनों पक्षों को बीच समझौता नहीं हो पाया है.

क्यों नहीं हो रहा समझौता?

पिछले दौर में इजराइल ने अचानक भविष्य में गाजा में अपनी सैन्य मौजूदगी की मांग रखी थी, जिसने सीजफायर होने में बाधा डाली. बता दें कि हमास ने मई में बाइडेन द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था. अक्टूबर के मध्य में भी वार्ता का दौर किसी समौझते पर पहुंचने में नाकाम रहा, क्योंकि हमास ने अस्थाई युद्धविराम प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था.

इजराइल में बंधक डील को लेकर बवाल

एक साल से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी गाजा से बंधकों को रिहा न करा पाना इजराइली सरकार के लिए गले की फांस बन गया है. गाजा ही नहीं अब नेतन्याहू को देश अंदर भी अपनी कुर्सी जाने का खतरा मंडरा रहा है. देश की सड़कों पर बंधकों की रिहाई के लिए आए दिन प्रदर्शन हो रहे हैं और कई लोग नेतन्याहू का इस्तीफा मांग रहे हैं.

हाल ही में कई सैन्य अधिकारों ने इस बात को स्वीकार किया है कि बंधकों को रिहा बातचीत के जरिए ही कराया जा सकता है, क्योंकि सेना गाजा में अपनी उच्चतम कार्रवाई कर चुकी है.

About Manish Shukla

Manish Shukla
मैं मनीष शुक्ला RBNEWS PVT LTD नेटवर्क में मुख्य संपादक एवं डायरेक्टर हूं. मीडिया उद्योग में 4 वर्षों से अधिक अनुभव के साथ, मैं रिपोर्टिंग और विश्लेषण में अपने अनुभव का लाभ उठाकर पाठको को आकर्षित और जागरूक करने वाली उच्च-प्रभाव वाली खबरों को सत्यतापूर्वक पेश करता हूं. वर्तमान में, मैं यु.पी., एम.पी., बिहार, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली सरकार की राजनीतिक व अपराधिक घटनाओं, एवं प्रवर्तन निदेशालय (ED), CBI को कवर करने, के साथ कुछ इंटरव्यू और समसामयिक मामलों पर व्यावहारिक विश्लेषण प्रदान करने के लिए ज़िम्मेदारी निभा रहा हूं.

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