बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के क्रम में शनिवार को बक्सर जिले को 476.02 करोड़ रुपये से अधिक की सौगात दी. इस अवसर पर 73 विकासात्मक योजनओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया. इसके तहत 350.13 करोड़ रुपए की 41 योजनाओं का उद्घाटन तथा 125.89 करोड़ रुपए की 32 योजनाओं का शिलान्यास किया.
प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने बक्सर जिला अंतर्गत सिमरी बहुग्रामी जलापूर्ति योजना, केशवपुर का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया. इसकी लागत 202.70 करोड़ रुपए है. उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने इस बहुग्रामी जलापूर्ति योजना का निरीक्षण किया.
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस बहुग्रामी पेयजल आपूर्ति प्लांट के शुरू हो जाने से सिमरी प्रखंड के 214 वार्डों में स्थित 36760 घरों में आर्सेनिक मुक्त शुद्ध गंगा जल की आपूर्ति पेयजल के रूप में होगी. बक्सर जिलांतर्गत विकासात्मक योजनाओं का रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उद्घाटन एवं शिलान्यास किया.
विभिन्न विभागों एवं जीविका दीदियों ‘द्वारा लगाये गये स्टॉल का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयुष्मान कार्ड, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत एक लाख रुपये का सांकेतिक चेक, सुयोग्य श्रेणी के लाभुकों को सरकारी भूमि के बंदोबस्ती प्रमाण पत्र, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना अंतर्गत 1 करोड़ 60 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया.
सीएम ने 73 योजनाओं का किया शिलान्यास और उद्घाटन
वहीं, मुख्यमंत्री निःशक्त जन विवाह प्रोत्साहन योजना तथा मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत एक-एक लाख रुपये के अनुदान राशि, मुख्यमं मुख्यमंत्री कृषि वानिकी प्रजाति प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 1 लाख 28 हजार 700 रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया.
मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना से लाभान्वित 703 परिवारों को 2 करोड़ 66 लाख 24 हजार 200 रुपये तथा 12,743 जीविका स्वयं सहायता समूह को 129 करोड़ 75 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया. सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत ई-रिक्शा हस्तांतरण की चाबी, जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जीविका ग्राम संगठन आदर्श, चौगांई तथा सूरज इटाढ़ी में तालाब के जीर्णोद्धार के लिये 2 लाख 10 हजार रुपये हस्तांतरित करने की स्वीकृति पत्र लाभुकों को प्रदान किया.
सीएम ने विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की
मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए कहा कि पूरे बिहार में जीविका दीदियां काफी अच्छा काम कर रही हैं. जब हम केंद्र में मंत्री थे तो कई जगहों पर जाकर स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था. बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या बहुत कम थी. अब तक 3 लाख से ज्यादा जीविका दीदियों की संख्या शहरी क्षत्रों में हो गई है. आप लोगों को हर प्रकार से सरकार मदद पहुंचा रही है.
मुख्यमंत्री ने सिमरी प्रखंड के केशोपुर ग्राम में 51.72 किलोमीटर लंबाई की बक्सर-कोईलवर गंगा तटबंध का सुदृढ़ीकरण, कालीकरण तथा सुरक्षात्मक कार्य का स्थल निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों ने साइट मैप के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया कि इस कार्य के पूर्ण हो जाने से बक्सर, चक्की, सिमरी, ब्रह्मपुर आदि प्रखंडों की 6 लाख की आबादी लाभान्वित होगी. तटबंध के किनारे के क्षेत्र का व्यवसायिक विकास होगा.
साथ ही बक्सर अनुमंडल से डुमरांव अनुमंडल तक वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था उपलब्ध होगी। बाढ़ से बक्सर जिला के अहीरौली, अर्जुनपुर, मझरियां, केशोपुर, जवही, नैनीजोर, धर्मगतपुर, नगपुरा, राजपुर, छोटका राजपुर, बड़का राजपुर, राजपुर कला, मियाजीपुर तथा गंगौली जैसे गांवों को सुरक्षा मिलेगी. इसकी कुल प्राक्कलित राशि 18,126.883 लाख रुपये है.
निर्धारित समय सीमा के अंदर काम पूरा करने का निर्देश
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस काम को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण करें. बक्सर कोइलवर तटबंध का सुदृढ़ीकरण एवं कालीकरण ठीक से हो इसका विशेष रूप से ख्याल रखें. इस काम के पूर्ण हो जाने से लोगों को आवगमन की बेहतर सुविधा मिलेगी और तटबंध के आसपास के इलाके बाढ़ से भी सुरक्षित रहेंगे.
मुख्यमंत्री ने सिमरी प्रखंड के राजपुरकलां पंचायत स्थित ग्राम परसन पाह में नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन का निरीक्षण किया. बक्सर गोलंबर पर पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्तावित होटल विश्वामित्र विहार ‘बक्सर’ के परिसर में बजट होटल के निर्माण कार्य का मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया. प्रस्तावित बजट होटल की प्राक्कलित राशि 24.56 करोड़ रुपए है.
मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग द्वारा बक्सर के रामरेखा घाट के समीप एक्सपेरिएंस सेंटर, रेस्टोरेंट, संपर्क पथ सहित पर्यटकीय विकास कार्य का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया. इसकी प्राक्कलित राशि 13.24 करोड़ रुपए है. मुख्यमंत्री के आगमन पर रामरेखा घाट के पंडों एवं पुजारियों द्वारा शंखनाद एवं डमरु बजाकर उनका अभिनंदन किया गया.