देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोकसभा में अपने वक्तव्य के दौरान किसी विपक्षी सदस्य के बीच में टोकने पर सख्त नाराजगी जताई. राजनाथ सिंह राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर चर्चा में भाग लेते हुए बोल रहे थे, तभी विपक्ष की ओर से किसी सदस्य ने कुछ टिप्पणी की. इस पर रक्षा मंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई.
भाषण के दौरान विपक्षी सदस्य के टोकने पर उन्होंने डांटने के स्वर में पूछा, ‘कौन बैठाएगा, क्या बात करते हो, चुप रहो?’ उन्होंने स्पीकर ओम बिरला से कहा कि सदन की मर्यादा तोड़ने वाले ऐसे लोगों को रोकना चाहिए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि संसद में कोई चाहे जो बोले, सच बोले, सत्य से थोड़ा परे भी बोले, लेकिन शोर-शराबा नहीं मचाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाद में, जब भी बोलने का अवसर मिले, आप प्रतिकार कर सकते हैं. संसद की यह मर्यादा है और सदैव मैंने इसका ध्यान रखा है. उन्होंने कहा कि सांसद के रूप में मैंने सदन की मर्यादा कभी नहीं तोड़ी. ये मेरे बारे में कोई नहीं कह सकता है.
वंदे मातरम् के साथ अन्याय हुआ
राजनाथ सिंह ने वंदे मातरम् के साथ हुआ अन्याय कोई अलग-थलग घटना नहीं, बल्कि तुष्टीकरण की राजनीति की शुरूआत थी, जिसे कांग्रेस ने अपनाया था और इसी राजनीति ने देश का विभाजन कराया. लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा में भाग लेते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सच स्वीकार करना पड़ेगा कि वंदे मातरम के साथ जो न्याय होना चाहिए था, वह नहीं हुआ.
राष्ट्र गान और राष्ट्रीय गीत को एक समान दर्जा
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजाद भारत में राष्ट्र गान और राष्ट्रीय गीत को एक समान दर्जा देने की बात थी, लेकिन (राष्ट्रीय गीत) वंदे मातरम् को खंडित किया गया. राजनाथ सिंह ने कहा कि वह धरती, (बंगाल) जिस पर वंदे मातरम् की रचना हुई, उसी धरती पर कांग्रेस ने इसे खंडित करने का काम किया.
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् स्वयं में पूर्ण है लेकिन इसे अपूर्ण बनाने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि इसका गौरव लौटाना समय की मांग और नैतिकता का तकाजा है. उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर सोचना चाहिए कि क्या संविधान में नया दायित्व नहीं जोड़ा जा सकता कि राष्ट्रगान की तरह राष्ट्रगीत को सम्मान दिया जाए.
आनंद मठ कभी भी इस्लाम के खिलाफ नहीं
राजनाथ सिंह ने कहा कि वंदे मातरम् और बंकिमचंद्र चटर्जी की पुस्तक आनंद मठ कभी भी इस्लाम के विरूद्ध नहीं था. उन्होंने दावा किया कि आज पश्चिम बंगाल से बहुत से परिवारों को पलायन करना पड़ रहा है और ऐसा तृणमूल कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति, घुसपैठियों को शरण देने की राजनीति के कारण हुआ है.
निर्वाचन आयोग पर हमला साजिश का हिस्सा
राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों पर देश की संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश के तहत निर्वाचन आयोग जैसे निकायों पर हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि लगातार पलायन, मौतें और तेजी से हो रहा शहरीकरण मतदाता सूचियों में गड़बड़ी का कारण बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे वास्तविक मतदाताओं के हितों को नुकसान पहुंचता है और इसलिए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि जिन पार्टियों को आसन्न हार नजर आती है या जो चुनाव हार जाते हैं, वे प्रक्रिया पर ही सवाल उठाते हैं और संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करते हैं. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग पर हमला एक साजिश का हिस्सा है.
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