Breaking News

Dr Bheem Rao Ambedkar Jayanti: भीमराव रामजी अंबेडकर को बाबा साहेब के नाम से भी जाना जाता है, आज बाबा साहेब की जयंती मनाई जा रही है. आइये जानते हैं इनके बारे में.

Ambedkar Jayanti 2024: भारत संविधान के जनक, चिंतक, समाज सुधारक और दलित वर्गों के लिए आवाज उठाने वाले बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. इनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था.

भीमराव अपने माता-पिता की 14वीं संतान थे. आज इनकी 133वीं जयंती मनाई जा रही है. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें-

  1. भीमराव अंबेडकर का जन्म निचले कुल में हुआ था. इनका परिवार महार जाति का था. इस जाति को समाज में अछूत माना जाता है. ऐसे में भीमराव को बचपन से सामाजिक भेदभाव के साथ कमजोर आर्थिक स्थिति का भी सामना करना पड़ा.
  2. भीमराव अंबेडकर ने 1908 में एलफिंस्टन कॉलेज में दाखिला लिया. इस महाविद्यालय में दाखिला लेने वाले वे पहले दलित छात्र थे.
  3. भीमराव अंबेडकर ने दलितों, निचले वर्ग, मजदूर और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद की और ‘बहिष्कृत भारत’, ‘मूक नायक’ और ‘जनता’ नाम के पाक्षिक और साप्ताहिक पत्र निकालने की शुरुआत की.
  4. बाबा साहेब अंबेडकर आजाद भारत के पहले कानून मंत्री बनें. इतना ही नहीं उन्होंने विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान 26 नवंबर 1949 में तैयार किया. इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा.
  5. बाल विवाह प्रचलित होने के कारण अंबेडकर का विवाह 1906 में 9 साल की रमाबाई से हुआ. इस समय भीमराव की उम्र 15 साल थी. पहली पत्नी रमाबाई की मृत्यु के बाद उन्होंने सविता से दूसरा विवाह किया.
  6. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर 9 भाषाओं को जानते थे. इन्होंने देश-विदेश के कई विश्वविद्यालयों से पीएचडी की कई मानक उपाधी प्राप्त की. बाबा साहेब के पास लगभग 32 डिग्रियां थीं.
  7. 1951 में संसद में अपने हिंदू कोड बिल मसौदे पर रोके जाने के बाद उन्होंने मंत्रीमंडल पद से इस्तीफा दे दिया. इस मसौदे में उत्तराधिकार, विवाह और अर्थव्यवस्था को लेकर कानून में लैंगिक समानता की बात कही गई थी.
  8. 1956 में बाबा साहेब ने हिंदू धर्म को छोड़ बौद्ध धर्म अपना लिया. इनके साथ इनकी पत्नी सविता और लाखों दलितों ने भी बौद्ध धर्म को अपनाया था.
  9. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मृत्यु 06 दिसंबर 1956 को दिल्ली में उनके आवास में हुई थी. वह मधुमेह से पीड़ित थे.
  10. मृत्यु के बाद भीमराव अंबेडकर को 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

14 अप्रैल को बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था.

निचले कुल में जन्म लेने के कारण उन्होंने खुद भी बचपन से ही जाति को लेकर होने वाले भेदभाव और छूआछूत का सामना किया था. उन्होंने कानून और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई की.

वे हिंदू परिवार में जन्मे थे. लेकिन एक समय ऐसा आया कि बाबा साहेब ने हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया.

इसे लेकर कई लोगों के मन में जिज्ञासा रहती है कि आखिर क्यों बाबा साहेब ने हिंदू धर्म का त्यागकर बौद्ध धर्म को अपना लिया.

बाबा साहेब ने क्यों अपनाया बौद्ध धर्म

इसका जवाब बाबा साहेब के लेख ‘बुद्ध और उनके धर्म का भविष्य’ में मिलता है.

हालांकि मूलरूप से यह लेख अंग्रेजी में है जिसका नाम है- बुद्धा एंड दि फ्यूचर ऑफ हिज रिलिजन (Buddha and the Future of his Religion). यह लेख 1950 में प्रकाशित हुआ था.

इसमें बाबा साहेब ने हिंदू, बौद्ध, ईसाई और इस्लाम धर्म की तुलना की है.

इस सभी में उन्हें बुद्ध का मानवीय रूप अधिक पसंद आया. बौद्ध धर्म उनकी दृष्टि में सबसे श्रेष्ठ है.

बाबा साहेब अंबेडर ने 13 अक्टूबर 1935 में हिंदू धर्म छोड़ने का निर्णय लेते हुए इसकी घोषणा की.

उन्होंने कहा, मुझे ऐसा धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता हो. क्योंकि किसी व्यक्ति में विकास के लिए इन तीनों चीजों की जरूरत है.

इसके बाद 14 अक्टूबर 1956 में बौद्ध धर्म को अपना लिया.

About admin

admin

Check Also

पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीजू जनता दल नेता रणेन्द्र प्रताप स्वैन ने पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक को वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में कुछ पार्टी सांसदों की ओर से मतदान किए जाने के विवाद पर पत्र लिख चिंता जताई

पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीजू जनता दल नेता रणेन्द्र प्रताप स्वैन ने पार्टी सुप्रीमो नवीन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *