वैसे तो दुनियाभर में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन होता रहता है, लेकिन आबू धामी में एक खास तरह का कॉम्पटीशन हो रहा है. दरअसल चिकन और फिश प्रोटीन के सबसे अच्छे विकल्प होते हैं, ऐसे में आबू धाबी में आयोजित XPRIZE फीड द नेक्स्ट बिलियन प्रतियोगिता में चिकन और फिश के लिए भविष्य के प्रोटीन विकल्पों को खोज की जा रही है. खास बात ये है कि ये प्रतियोगिता 4 साल पहले दिसंबर 2020 में शुरू की गई थी और अब यह अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है.
विजेता को मिलेंगे 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर
कुल 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि वाली इस प्रतियोगिता का उद्देश्य 5 महत्वपूर्ण क्षेत्रों – एक्सेस, पर्यावरणीय स्थिरता, पशु कल्याण, पोषण, स्वाद और बनावट में चिकन और मछली के विकल्प विकसित करने के लिए इनोवेटर्स की टीमों को प्रोत्साहित करना है. इस रेस में अब अर्जेंटीना, चीन, कनाडा, ऑस्ट्रिया, एस्टोनिया और दक्षिण कोरिया की 6 टीमें ही बची हैं. प्रतियोगिता में शामिल टीमें अपनी बनाई हुई डिश आबू धाबी भेजेंगी, जहां अंतरराष्ट्रीय पाक कला केंद्र में स्वाद का टेस्ट किया जाएगा. इसके लिए एक बाजार अनुसंधान एवं परामर्श फर्म ने 300 लोगों को चुना है. ये सभी लोग खाद्य कला, स्थिरता और पाक कला के विशेषज्ञ हैं, जो 30 अक्टूबर को इस प्रतियोगिता का विजेता चुनने में मदद करेंगे.
भविष्य के लिए प्रोटीन के विकल्प की तलाश
प्रतियोगिता के अंतिम दौर में फाइनलिस्ट के डिश का स्ट्रक्चर, तैयारी और पकाने की क्षमता के साथ-साथ स्वाद, सुगंध, बनावट, रूप और उनके चिकन-फिश के विकल्प के तौर पर भी विश्लेषण किया जाएगा. भविष्य के प्रोटीन विकल्पों को खोजने के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य है कि दुनिया भर के लोगों को सुरक्षित और सस्ता प्रोटीनयुक्त खाना मिल सके. सभी प्रतियोगियों को दो मांसाहारी डिश और एक बिना मांस वाली प्रोटीनयुक्त डिश के साथ तीन अलग-अलग सेटों में स्वाद परीक्षण करने का काम सौंपा गया था. गोपनीयता बनाए रखते हुए, निवासियों को कभी नहीं पता था कि वे किस टीम की कौन-सी डिश को टेस्ट कर रहे हैं. तीनों डिश को शेफ ने मांस के टुकड़े की तरह काटा गया था.
प्रतियोगिता में चीन-फ्रांस समेत 6 देशों की टीम
इस प्रतियोगिता में स्वाद परीक्षण में शामिल लोगों को स्वाद, पोषण, गंध की जांच करनी थी, और बाद में करीब 20 प्रश्नों के उत्तर देने थे. सेलएक्स, चीन की एक टीम है जो सेल-आधारित चिकन के साथ प्रतियोगिता में शामिल एकमात्र टीम है. इसके अलावा अर्जेंटीना की इटरनल टीम, दक्षिण कोरिया की प्लांटईट टीम, प्रोफिलेट- कनाडा की टीम शामिल हैं. साथ ही इसमें फ्रांस और इस्टोनिया की टीमें शामिल हैं.
इन टीमों को यह सुनिश्चित करना था कि उनका उत्पाद वैश्विक वितरण के लिए स्केलेबल है. अबू धाबी के इंटरनेशनल सेंटर फॉर कलिनरी आर्ट्स के केंद्र निदेशक शेफ फ्रांसिस्को अराया ने कहा कि, “विजेता चुनना कठिन है, मुझे लगता है कि एक से अधिक विजेता होंगे.” इस ऐतिहासिक प्रतियोगिता का आयोजन यूएई के R&D उत्प्रेरक और परिवर्तनकारी ग्रैंड चैलेंज के संयोजक ASPIRE और टोनी रॉबिंस फाउंडेशन के साथ साझेदारी में शुरू की गई थी. अनुमान है कि 2050 तक वैश्विक आबादी 10 बिलियन तक पहुंच जाएगी, इसलिए टिकाऊ और वैकल्पिक खाद्य स्रोतों की मांग पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गई है, जिससे यह प्रतियोगिता पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है.
ASPIRE के सीईओ स्टीफन टिम्पानो ने कहा, “खाद्य सुरक्षा की वैश्विक चुनौती के लिए तत्काल और इनोवेटिव समाधान की जरूरत है.” XPRIZE के सीईओ अनुशेह अंसारी ने कहा कि प्रतियोगिता वैश्विक खाद्य आपूर्ति के दबाव वाले मुद्दे के समाधान के लिए अविश्वसनीय क्षमता को प्रदर्शित करती है. उन्होंने कहा कि हम भाग लेने वाली टीमों के समर्पण और सरलता से प्रेरित हैं. वैकल्पिक प्रोटीन में उनकी सफलता एक अधिक टिकाऊ और लचीली वैश्विक खाद्य प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.