Delhi Pollution News: दिल्ली में दीपावली पर हुई आतिशबाजी की वजह से एक्यूआई 400 के आसपास पहुंच गया. यह इंसानों के लिए खतरनाक स्तर है. इतनी खराब हवा में रहने से आम लोगों को न सिर्फ सांस की बीमारी होने का खतरा हमेशा बना रहता है. अहम सवाल यह है कि क्या दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकना संभव है? अगर हां तो कैसे?
इस सवाल के जवाब में पर्यावरणविद रोहित कुमार ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि इस मामले में दिल्ली और केंद्र सरकार की भूमिका को अहम है. कुछ बातों में ध्यान केंद्रित करने से प्रदूषण को रोकना संभव है.
लोगों को जागरूक करना होगा
उनके मुताबिक, “सरकार की भूमिका प्रदूषण नियंत्रण में अत्यंत महत्वपूर्ण है. चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार. इनका एक अहम काम लोगों को जागरूक करना है. ताकि आम आदमी समझ सके कि उनके छोटे से कार्यों का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर कितना बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. यह एक चुनौतीपूर्ण मामला है.”
पर्यावरणविद रोहित कुमार का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिल रही है. सरकार ने इस दिशा में कई प्रभावी कार्यक्रम लागू किए हैं. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है ‘क्लीन एयर एक्शन प्लान’ है जो सरकार के द्वारा शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म योजनाओं पर काम कर रहा है.
इस योजना के तहत शहरों में विशेष रूप से वायु प्रदूषण के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सरकार जानकारी एकत्र कर रही है. साथ ही जरूरी कदम उठा रही है. इसके साथ ही यह लोगों को भागीदारी के लिए भी प्रेरित कर रही है.
उन्होंने आगे कहा, “दूसरा महत्वपूर्ण कार्यक्रम है “नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम” (एनकैप). यह एक उत्कृष्ट पहल है जिसमें हम पीएम स्तर पर 22-30% प्रदूषण को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इन कार्यक्रमों में दीर्घकालिक दृष्टिकोण और नीति की आवश्यकता होती है. सरकार ने इसके लिए कार्बन क्रेडिट और ग्रीन क्रेडिट जैसे कार्यक्रम भी शुरू किए हैं, जिससे इन पहलों को प्रोत्साहित किया जा सके.
ग्रीन हाउस गैसों को करना होगा कम
इन योजनाओं के माध्यम से वायु प्रदूषण को कम करने और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करने पर जोर दिया जा रहा है. इस दिशा में कई प्रयास किए जा रहे हैं. यह संगठन अपने सदस्यों और अन्य हितधारकों, जैसे कि समुदायों और व्यक्तियों को जानकारी प्रदान कर रहा है, ताकि वे इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले सकें.”
रोहित कुमार के अनुसार, “लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे कार्बन क्रेडिट या ग्रीन क्रेडिट के माध्यम से अपने कार्य करें. इससे वे इस दिशा में लगातार प्रयासरत रहेंगे और वायु प्रदूषण एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से दूर रहेंगे.”
बदलें जीवन शैली
प्रदूषण को लेकर लोगों को क्या सतर्कता बरतनी चाहिए? इस पर उन्होंने कहा, “मैं सबसे पहले आपको बताना चाहूंगा कि हाल ही में भारत सरकार ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक जीवन शैली अभियान शुरू किया है. जिसका उद्देश्य यह है कि हम सभी मिलकर अपने जीवनशैली में बदलाव लाकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएं. इस अभियान में कई ऐसे उपायों पर ध्यान दिया गया है जिन्हें अपनाकर हम दैनिक गतिविधियों में वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं.
ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम पर सरकार दे जोर
इसके साथ ही सरकार एक “ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम” भी शुरू कर रही है, जिसका लक्ष्य ‘इनडोर एयर पॉल्यूशन’ को कम करना है. इस योजना के माध्यम से, हम स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं जैसे कि महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को भी सुधार सकते हैं.
लोगों को करना होगा ये काम
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर हम इन तरीकों को नियमित रूप से अपनाएं, तो हम फॉसिल फ्यूल के उपयोग को कम कर सकते हैं. हमें ओपन बर्निंग को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, निर्माण और निस्तारण के कार्यों में होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठाने की आवश्यकता है.”
उन्होंने आगे कहा, “हमें अपने दैनिक जीवन में ऐसे बदलाव लाने चाहिए, जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं. यदि हमें लगता है कि वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है, तो हमें सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए. हमें मास्क का उपयोग करना चाहिए और स्वस्थ भोजन का चयन करना चाहिए. साथ ही, हमें वायु गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए. ताकि हमें सांस लेने में कोई परेशानी न हो.”