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Delhi-NCR-:पटाखों पर रोक शायद सिर्फ कहने के लिए, रातभर चला धूम-धड़ाका

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पटाखों पर रोक शायद सिर्फ कहने के लिए थी. रातभर इस बैन को धता बताते हुए आतिशबाजी की गई. पूरे एनसीआर का यही हाल रहा. 8-9 बजे से शुरू हुआ धूम-धड़ाका रात 12 बजते-बजते खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. शहर में धुएं के बादल छा गए और गंभीर ध्वनि प्रदूषण हुआ. आतिशबाजी के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई. देर रात दिल्ली का AQI 355 रिकॉर्ड किया गया था. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों की बात करें तो आज यानी 1 नवंबर को सुबह 5 बजे हाल कुछ इस तरह था.

दिल्ली में पलूशन का हाल (1 नवंबर तड़के)

विवेक विहार 367

अलीपुर 347

आनंद विहार 395

अशोक विहार 381

बवाना 384

मथुरा रोड 366

द्वारका सेक्टर 8 371

आईजीआई 372

दिलशाद गार्डन 251

जहांगीरपुरी 383

मुंडका 367

नरेला 286

नेहरू नगर 376

पटपड़गंज 353

नॉर्थ कैंपस 387

आरके पुरम 395

रात 10 बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 दर्ज किया गया था. दूसरे दिनों की तरह आनंद विहार जैसे कुछ इलाकों में हवा सबसे खराब थी. पिछले साल दिवाली पर आसमान साफ ​​था और अनुकूल मौसम के कारण एक्यूआई 218 दर्ज किया गया था. इसके उलट इस साल दिवाली पर शहर में प्रदूषण का स्तर फिर से अपने चरम पर पहुंच गया. बताया जा रहा है कि इस बार प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों, पराली जलाने और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के कारण स्थिति और खराब हो गई.

 

दिल्ली में यहां सबसे ज्यादा बूम-बूम

पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों का उल्लंघन होने की खबरें आईं. इस तरह का पलूशन श्वसन तंत्र में गहराई तक प्रवेश कर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करता है. इससे बच्चों, बुजुर्गों और पहले से सांस संबंधी बीमारी का सामना करने वाले लोगों की परेशानी बढ़ जाती है.

बढ़ते प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें साल भी राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की थी. नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम सहित दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर रही.

ग्रेटर नोएडा में स्थिति बेहतर क्यों?

ग्रेटर नोएडा वेस्ट जैसे कुछ बाहरी इलाकों में स्थिति थोड़ी अच्छी कह सकते हैं. उसकी वजह कम पटाखे जलना नहीं बल्कि हवा चलना है. पटाखे इन इलाकों में भी खूब जले.

दिल्ली में दिवाली के अवसर पर 2022 में 312, साल 2021 में 382, ​​2020 में 414, साल 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 एक्यूआई दर्ज किया गया था.

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ARYAN CHAUDHRI
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