नई दिल्लीः दिल्ली दंगा मामले में आरोपी ताहिर हुसैन को कड़कड़डूमा कोर्ट ने नियमित जमानत दे दी है। दिल्ली दंगा 2020 से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ताहिर हुसैन लंबे समय से जेल में है। हालांकि दिल्ली चुनाव के दौरान वह थोड़े समय के लिए बाहर भी आया था।
इस वजह से मिली जमानत
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) समीर बाजपेयी ने आरोपी और ईडी के वकील की दलीलों पर विचार करने के बाद ताहिर हुसैन को नियमित जमानत दे दी। उन्हें 50000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानत बांड जमा करने की शर्त पर जमानत दी गई है। अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि चूंकि आवेदक ने कथित रूप से उसके द्वारा किए गए अपराध के लिए निर्धारित कारावास की अवधि के आधे से अधिक समय तक हिरासत में रखा है, इसलिए वह जमानत का हकदार है।
ताहिर को इस आधार पर मिली जमानत
कोर्ट ने ताहिर हुसैन यह देखते हुए जमानत दी है कि उन्होंने पहले ही पीएमएलए मामले में आधी सजा पूरी कर ली है। ताहिर हुसैन को बेशक मनी लॉन्ड्रिंग में जमानत मिली है लेकिन दिल्ली दंगा मामले की एक बड़ी साजिश में वह हिरासत में रहेगा। आरोप है कि ताहिर हुसैन ने सीएए एनआरसी विरोध और सांप्रदायिक दंगों को फंड किया था। फिलहाल वह दिल्ली दंगों से जुड़े बड़ी साजिश के मामले में जेल में रहेगा क्योंकि ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों से जुड़े बड़ी साजिश के मामले में भी आरोपी है। ताहिर हुसैन को ईडी ने 6 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया था।
कोर्ट ने लगाई कई शर्तें
अदालत ने कुछ शर्तें लगाई हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि आरोपी अदालत की पूर्व अनुमति के बिना दिल्ली एनसीआर के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेगा। वह खुद को इसी तरह के अपराध में शामिल नहीं करेगा और किसी भी गवाह से संपर्क नहीं करेगा और उसे प्रभावित नहीं करेगा।
ईडी ने कोर्ट में दी ये दलीलें
ईडी ने कोर्ट में कहा कि अपराध की आय लगभग 5.24 करोड़ रुपये मानी जा सकती है और इस राशि में से 1.5 करोड़ रुपये के संबंध में जांच पूरी हो चुकी है, जो आवेदक द्वारा अक्टूबर, 2019 से जनवरी, 2020 की अवधि के दौरान उसके स्वामित्व वाली या उसके नियंत्रण वाली कंपनियों के बैंक खातों से धोखाधड़ी से निकाली गई राशि के अनुरूप है और नकदी का इस्तेमाल उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए विरोधी प्रदर्शनों और सांप्रदायिक दंगों में किया गया था।