Delhi Dhaula Kuan Gangrape Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने साल 2010 के बहुचर्चित धौला कुआं गैंगरेप मामले के दोषी शाहिद उर्फ बिल्ला की तरफ से दाखिल सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से दो हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. यह मामला 23 नवंबर 2010 का है. जब साउथ दिल्ली के मोती बाग इलाके से एक बीपीओ कर्मचारी का मिनी ट्रक में किडनैप कर मेवात गैंग के सदस्यों ने उसके साथ गैंगरेप किया था. घटना के बाद आरोपियों ने पीड़िता को मंगोलपुरी के इलाके में फेंक दिया था.
द्वारका कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया था
इस मामले में शामिल पांचों आरोपी शमशाद उर्फ खुदकन इकबाल उर्फ बिल्ला, उस्मानपुर उर्फ काले शाहिद उर्फ बिल्ला और कमरुद्दीन उर्फ कमरू को द्वारका कोर्ट साल 2014 में दोषी करार दिया था.हालकि दिल्ली हाई कोर्ट ने साल 2018 में आरोपियों के खिलाफ सजा बरकरार रखी थी.
दिल्ली HC ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट में आरोपी शाहिद ने अपनी सजा के खिलाफ अपील की है.जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस गिरीश कथपालिया की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए जेल प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है.दिल्ली हाई कोर्ट ने यह भी माना कि याचिकाकर्ता करीब 13 साल से बिना किसी माफी या रियायत के जेल में है.
कैंसर पीड़ित बेटी के कारण बढ़ाई गई फरलो अवधि
शाहिद अभी फरलो पर बाहर है जिसे सरकार के द्वारा स्वीकृत किया गया था. उसकी नाबालिग बेटी कैंसर से जूझ रही है. शाहिद ने फरलो की समय सीमा को बढ़ाने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.
दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपी शाहिद की बेटी की तस्वीर और मेडिकल दस्तावेज देखने के बाद कहा कि अगर शाहिद इस मामले में दोबारा एप्लीकेशन दायर करता तो इसमें समय लग सकता है. इस कारण कोर्ट ने विशेष परिस्थितियों को देखते हुए उसे कल जेल में सरेंडर करने से छूट दे दी है. हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई के लिए तय की है.