दिल्ली में पानी के बिलों में अनियमितताओं की शिकायत पर राज्य सरकार की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने-सामने हैं. दिल्ली सरकार का आरोप है कि 10 लाख उपभोक्ताओं को राहत देने वाली स्कीम को LG लागू नहीं होने दे रहे हैं. वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए इस स्कीम को लेकर एक खुला खत लिखा है.
कितने रुपये का किया भुगतान
चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार के LG द्वारा ‘योजना’ को रोकने का दावा सफेद झूठ और दुर्व्यवहार है और ये आम आदमी पार्टी का आचरण हो गया है. लगातार प्रचार अभियान के जरिए बार-बार झूठ बोलकर आपने जो नाटक रचा है, उसे बरकरार रखने के लिए आपको सभी को दोष देने की आदत है. उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार द्वारा ‘योजना’ के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार अपनी अक्षमता और विफलताओं का दोष जानबूझकर LG और भारत सरकार पर डाल रहे हैं.
चिट्ठी में कही ये बात
दिल्ली सरकार के मंत्रियों के बयानों का हवाला देते हुए LG ने चिट्ठी में कहा कि इनमें विरोधाभास है. मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जारी एक पोस्ट में शहरी विकास मंत्री मंत्री ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा “एकमुश्त समाधान योजना” के संबंध में निर्णय 13 जनवरी, 2023 को लिया गया था. इसे 25 जनवरी, 2024 को (यानी एक वर्ष के अंतराल के बाद) टिप्पणियों के लिए वित्त विभाग को भेजा गया था.
इसके बाद मंत्री ने इस ‘योजना’ के संबंध में फाइल पर अपने निर्देश दर्ज किए और इसे 21 फरवरी, 2024 को मुख्य सचिव को भेज दिया, जिससे स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि कथित ‘योजना’ अभी भी तैयार होने की प्रक्रिया में थी और किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है. ऐसे में कोई भी यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि मंत्री एक साल से ज्यादा समय तक प्रस्तावित योजना पर क्यों बैठे रहे ? इतना ही नहीं आश्चर्यजनक रूप से, दिल्ली विधान सभा ने 19 फरवरी 2024 को ‘BJP का LG पर सीधा नियंत्रण है’ इसलिए अभी भी फाइलों को यहां से वहां ले जाया जा रहा है, जो एक बहुत ही असंवैधानिक है. यह प्रस्ताव पारित किया गया.
मामले की हो रही जांच
विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव में योजना की स्वीकृति की तारीख 13.06.2023 अंकित है. विधायक सोमनाथ भारती के प्रस्ताव का विधानसभा में विशेषाधिकार का गंभीर उल्लंघन हुआ. इसके अलावा, अगर ‘योजना’ को 13 जनवरी 2023 को दिल्ली जल बोर्ड द्वारा मंजूरी दे दी गई थी, जैसा कि मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को सार्वजनिक डोमेन में रखा था, तो प्रस्ताव में दावा किया गया है कि ‘योजना’ को जल बोर्ड द्वारा ने 13 जून 2023 मंजूरी दे दी गई थी. पूरे सदन के विशेषाधिकार का गंभीर उल्लंघन किया गया है, जिसमें प्रस्ताव पेश करने वाले विधायक, जो दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं, उन्होंने जानबूझकर पूरे सदन को गुमराह किया है और उनके अपनी ही पार्टी के सहयोगियों ने इस प्रस्ताव को पारित किया.
चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि इस चालाकी भरी झूठी राजनीतिक कवायद के समय से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह दिल्ली के लोगों के सामने आने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों, भ्रष्टाचार और दिल्ली सरकार की घोर विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाने और हटाने के लिए किया गया है. इस मामले की जांच की जा रही है.