Delhi News: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एक अहम खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्षों में दिल्ली विधानसभा की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) और कमेटी ऑन गवर्नमेंट अंडरटेकिंग (COGU) ने कोई रिपोर्ट पेश नहीं की है. यह गंभीर स्थिति तब है, जब CAG (Comptroller and Auditor General) की रिपोर्ट में सरकारी विभागों की वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया जाता है और उन पर त्वरित कार्रवाई जरूरी होती है.
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 21 मार्च 2025 को अकाउंटेंट जनरल, दिल्ली ने उनसे मुलाकात की और उन्हें इस गंभीर मामले से अवगत कराया. CAG अधिकारियों ने बताया कि सरकारी विभागों ने भी CAG रिपोर्ट में दर्ज गड़बड़ियों पर कोई ‘एक्शन टेकन नोट’ (ATN) नहीं दिया है, जो नियमों के तहत तीन महीने के भीतर विधानसभा में प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है.
CAG हर साल सरकारी विभागों का ऑडिट करता है और केवल गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को ही अंतिम रिपोर्ट में शामिल करता है. लेकिन जब विधानसभा की समितियां और प्रशासनिक विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं करते, तो पूरी ऑडिट प्रक्रिया बेकार हो जाती है.
‘अब होगी सख्त कार्रवाई’
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार को अब इस मामले को गंभीरता से लेना होगा. CAG रिपोर्ट में जिन वित्तीय गड़बड़ियों को उजागर किया गया है, उन पर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए और इसकी रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जानी चाहिए.
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के व्यय विभाग ने Audit Para Monitoring System (APMS) नाम से एक वेब आधारित प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जिससे CAG रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई की निगरानी की जा सकती है. इस सिस्टम को NIC (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) ने तैयार किया है.
दिल्ली में भी लागू होगा APMS सिस्टम
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनवरी 2025 में CAG ने दिल्ली की पिछली सरकार के वित्त विभाग से अनुरोध किया था कि इस सिस्टम को दिल्ली में भी लागू किया जाए. यह एक महत्वपूर्ण सुधार होगा, क्योंकि इससे कागजी कार्रवाई कम होगी और CAG रिपोर्ट पर वास्तविक समय में निगरानी रखी जा सकेगी.
उन्होंने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि दिल्ली में APMS सिस्टम को जल्द से जल्द लागू किया जाए और वित्त विभाग को अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है.
CAG रिपोर्ट पर लापरवाही क्यों गंभीर मसला है?
CAG की रिपोर्ट सरकार के खर्च और वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए बेहद जरूरी होती है. अगर पिछली सरकार इस रिपोर्ट पर ध्यान नहीं देती, तो इसका सीधा मतलब है कि राज्य में वित्तीय गड़बड़ियों पर कोई नियंत्रण नहीं है.
अब कोताही बर्दाश्त नहीं होगी
विधानसभा अध्यक्ष ने साफ कहा कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा. दिल्ली सरकार के विभागों को तुरंत CAG रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई का ब्योरा प्रस्तुत करना होगा और जो भी अनियमितताएं सामने आएंगी, उन पर सख्त कदम उठाए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि यह सदन की भावना है और इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.