Delhi News: दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश कर दो सटोरियों को गिरफ्तार कर लिया. सटोरिए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल पर सट्टा खिला रहे थे. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान परवीन कोचर और संजय कुमार के रूप में हुई है. पूछताछ में पता चला है कि ऑनलाइन क्रिकेट पर सट्टा दो तरीकों से लगाया जाता था. परवीन कोचर ने Lucky.com नामक सट्टेबाजी साइट से मास्टर आईडी खरीदी थी. सुपर मास्टर आईडी बनाकर अन्य सटोरियों को बेच दिया जाता था.
प्रत्येक लेन-देन पर सट्टेबाजों के गिरोह को 3 फीसद कमीशन मिलता था. ऑफलाइन सट्टेबाजी डायरेक्ट कॉल के माध्यम से खिलाई जाती थी. आरोपी खिलाड़ियों से सीधी कॉल पर सट्टे के दांव लगवाते थे. सट्टे की दरें मैच के लाइव स्कोर और ‘भाव’ अनुसार तय की जाती थी. परवीन कोचर के नाम पर सट्टे का अड्डा लिया गया था. 35 हजार प्रति माह के किराए पर लेकर दो वर्षों से सट्टे का अड्डा संचालित हो रहा था. पूछताछ में पता चला है कि मैच पर 1.5 लाख तक का लेन-देन होता था.
ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी रैकेट का हुआ खुलासा
गिरोह को 30 हजार से 40 हजार रुपये का मुनाफा होता था. परवीन कोचर ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी गिरोह का मास्टरमाइंड है. अलग-अलग बुकीज के साथ तालमेल बिठाकर मुनाफा बढ़ाता और जोखिम कम करता था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक परवीन कोचर 10वीं तक पढ़ा हुआ है. अवैध धंधे से पहले कोचर मुडका में फैक्ट्री चलाता था. ज्यादा मुनाफा के लालच में ऑनलाइन क्रिकेट पर सट्टा लगाने लगा. सट्टे पर 3 फीसद कमीशन रखकर बाकी रकम साथियों में बांटता था.
भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल पर लग रहा था दांव
दूसरा आरोपी संजय कुमार 12वीं तक पढ़ा हुआ है. पहले ट्रांसपोर्ट व्यवसाय चलाता था. कोविड-19 महामारी के दौरान हुए नुकसान के बाद उसने ट्रांसपोर्ट का धंधा छोड़ दिया. परवीन कोचर के साथ सट्टेबाजी में शामिल हो गया. उप-निरीक्षक अनुज कुमार को संगठित सट्टेबाजी सिंडिकेट के बारे में गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी. जांच से पता चला कि गिरोह चैंपियंस ट्रॉफी के मैचों पर सट्टेबाजी में एक्टिव था. पुलिस ने सूचना के आधार पर, 4 मार्च को सेक्टर 23, द्वारका में छापा मारकर दो लोगों को दबोच लिया. आरोपियों के पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, पर्ची, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सट्टेबाजी सामग्री जब्त की गई. आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.