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दिल्ली: आम आदमी पार्टी की सरकार सर्दियों में वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान का ऐलान किया

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार सर्दियों में वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है. प्रदूषण के विरुद्ध मजबूत लड़ाई लड़ने के लिए बुधवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान का ऐलान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इसे सख्ती से लागू करेगी, जिससे ठंड के मौसम में दिल्ली के लोगों को प्रदूषण की समस्या से बचाया जा सके.

मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पिछले कई सालों में दिल्लीवासियों और संबंधित विभागों की मेहनत से प्रदूषण के स्तर में काफी सुधार आया है. प्रदूषण में करीब 34.6 फीसद की कमी आई है. इस बार भी दिल्ली सराकर प्रदूषण के खिलाफ जंग के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने बताया कि विंटर एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में हॉट स्पॉट के प्रदूषण की निगरानी पहली बार ड्रोन से की जाएगी.

दिल्ली में हरित क्षेत्र पहले से बढ़ा

गोपाल राय ने बताया कि 2013 में दिल्ली का हरित क्षेत्र 20 फीसद था, जो 2021 में बढ़कर 23.06 फीसद हो गया है. देश के बड़े शहरों में आज सबसे ज्यादा ग्रीन कवर दिल्ली में है. हमने दिल्लीवासियों से चुनाव के दौरान जो गारंटी दी थी, उसमें दिल्ली के पर्यावरण को सुधारने के लिए 5 साल में 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था. अपनी सरकार के चौथे वर्ष में हमने यह लक्ष्य हासिल कर लिया है. इस साल 64 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. हमने ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी बनाई है, जिसके तहत बड़े पेड़ों को काटने की बजाय उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसप्लांट किया जा रहा है.

दिल्ली को जेनरेटर से मिली आजादी

गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में स्थित थर्मल पावर प्लांट्स को बंद कर दिया गया है. आज दिल्ली देश का अकेला ऐसा शहर है जहां कोयला आधारित कोई थर्मल पावर प्लांट नहीं है. पहले दिल्ली में बिजली कटौती के कारण लोगों को जेनरेटर चलाने पड़ते थे, लेकिन अब 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. धूल प्रदूषण फैलाने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है. दिल्ली में 1959 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं, जिन्हें अब प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन से हटाकर पाइप नेचुरल गैस पर शिफ्ट कर दिया गया है.

दिल्ली सरकार के 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान

1. हॉट स्पॉट की ड्रोन से निगरानी

गोपाल राय ने बताया कि हमने दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं, जहां अधिक प्रदूषण होता है. पहली बार इन हॉट स्पॉट्स पर पर्यावरण विभाग द्वारा ड्रोन से प्रदूषण की निगरानी की जाएगी. ड्रोन के माध्यम से प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाया जाएगा और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. इन सभी हॉटस्पॉट्स की सघन निगरानी ग्रीन वार रूम से की जाएगी.

2. स्पेशल टास्क फोर्स का गठन

गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण की निगरानी और उसे नियंत्रित करने के लिए 6 सदस्यीय स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इस टास्क फोर्स में पर्यावरण विभाग, परिवहन विभाग, राजस्व विभाग, पीडब्लूडी, एमसीडी, और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों को शामिल किया गया है.

3. धूल प्रदूषण पर कंट्रोल

धूल प्रदूषण को कम करने के लिए 7 अक्टूबर से एंटी डस्ट कैंपेन चलाया जाएगा. यह इस प्रकार है-

निर्माण स्थलों के लिए कार्य योजना

  • 500 वर्गमीटर से अधिक वाले सभी निर्माण स्थलों को डस्ट कंट्रोल के वेब पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है, जिसके माध्यम से सरकार इनकी निगरानी करेगी.
  • 14 सूत्रीय डस्ट कंट्रोल नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 523 टीमें बनाई गई हैं, जो नियमित रूप से इन साइटों का निरीक्षण करेंगी.
  • सभी सरकारी और निजी निर्माण एजेंसियों को अपनी निर्माण साइटों पर काम करने वाले कर्मचारियों को साइट पर ही प्रशिक्षण देना अनिवार्य किया गया है.
  • सड़क से संबंधित धूल प्रदूषण के लिए कार्य योजना
  • 85 रोड स्वीपिंग मशीनों की तैनाती की जा रही है.
  • 500 मशीनों का उपयोग पानी के छिड़काव के लिए किया जाएगा.

4. हरित रत्न अवार्ड

गोपाल राय ने बताया जो निर्माण कार्य एजेंसी पर्यावरण नियमों का पालन करते हुए उत्कृष्ट कार्य करेगी, उसे हरित रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा.

5. मोबाईल एंटी स्मॉग गन

इस साल प्रदूषण के बढ़ने पर नवंबर महीने में एक शिफ्ट से बढ़ाकर 3 शिफ्ट में मोबाइल एंटी स्मॉग गन की तैनाती सड़कों पर की जाएगी. इसके लिए 200 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाए जाएंगे.

6. जन भागीदारी अभियान

इस बार जन भागीदारी अभियान मिलकर चलें-प्रदूषण से लड़ें थीम पर चलाया जाएगा. मुख्य जन भागीदारी अभियानों में शामिल हैं- हरित कलश यात्रा, ई-व्हीकल परेड, एंटी पाल्यूशन मार्च और रेड लाईट आन-गाड़ी ऑफ.

7. वाहन प्रदूषण का नियंत्रण.

वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं-

पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच- वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच एवं 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध के अनुपालन के लिए 360 टीमों का गठन किया गया है.

ट्रैफिक प्रबंधन- अत्यधिक भीड़भाड़ वाले 134 सड़कों की पहचान की गई है, जहां भीड़भाड़ कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की विशेष टीमों को तैनात किया जाएगा और अल्टरनेट रूट लेने के लिए लोगों को पहले से ही बताया जाएगा.

8. पराली के प्रदूषण की रोकथाम

गोपाल राय ने कहा कि पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पिछले 4 वर्षों से हमने दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए पूसा बायो-डीकंपोजर का मुफ्त में सफलतापूर्वक छिड़काव किया है, जिसका सकारात्मक प्रभाव रहा है. इस साल हम दिल्ली में 5000 एकड़ से अधिक बासमती और गैर-बासमती कृषि भूमि पर मुफ्त में पूसा बायो-डीकंपोजर का छिड़काव करेंगे.

9. ग्रीन वॉर रूम और ग्रीन दिल्ली एप

दिल्ली के विभिन्न पर्यावरण संकेतकों को 24 घंटे, हफ्ते के सातों दिन मॉनिटर करने के लिए 30 सितम्बर से ग्रीन वॉर रूम को और बेहतर रूप में शुरू किया जा रहा है. इसके लिए 8 सदस्यीय स्पेशल टीम तैनात की जा रही है. यह वॉर रूम सभी एजेंसियों द्वारा हर दिन की गई कार्रवाई की रिपोर्ट का विश्लेषण करेगी और अगले दिन की योजना बनाएगी.

चार साल पहले लॉन्च किया गया ग्रीन दिल्ली ऐप जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहा है. पिछले 4 वर्षों में इस पर 79,974 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से करीब 88 फीसद शिकायतों का समाधान किया जा चुका है. दिल्ली के सभी नागरिकों से हमारी अपील है कि वह अपने मोबाइल में ग्रीन दिल्ली ऐप डाउनलोड करें और दिल्ली में कहीं भी प्रदूषण करने वाली गतिविधि को देखें तो ग्रीन दिल्ली ऐप पर सूचना अवश्य दें.

10. औद्योगिक प्रदूषण का नियंत्रण

दिल्ली के अंदर सभी 1959 पंजीकृत औद्योगिक ईकाइयां पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) द्वारा संचालित हैं. विंटर एक्शन प्लान के तहत 58 टीमें इन सभी औद्योगिक ईकाइयों का इंस्पेक्शन करेंगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये ईकाइयां किसी भी अनधिकृत और प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग नहीं कर रही हैं. इसके साथ ही, अवैध रूप से चल रही औद्योगिक ईकाइयों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

11. हरित क्षेत्र को बढ़ाना

दिल्ली के अंदर वृक्षारोपण अभियान के तहत अपना लक्ष्य 64 लाख पेड़ और पौधे लगाने का रखा है. वृक्षारोपण अभियान के कारण दिल्ली के हरित क्षेत्र में इजाफा हुआ है. हरित क्षेत्र का राष्ट्रीय मानक 20 प्रतिशत है, और दिल्ली में 2013 में हरित क्षेत्र 20 फीसद था, जो बढ़कर 2021 में 23.06 फीसद हो गया है.

12. रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी

गोपाल राय ने बताया कि डीपीसीसी की निगरानी में रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी की जाएगी.

13. ई-वेस्ट इको पार्क का विकास

गोपाल राय ने बताया कि ई-वेस्ट से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए होलम्बी कलां में 20 एकड़ क्षेत्र में ई-वेस्ट ईको पार्क विकसित किया जाएगा. इसके स्थापित होने के बाद, इस पार्क में दिल्ली के सभी इलेक्ट्रॉनिक कचरे को वैज्ञानिक रूप से प्रोसेस किया जाएगा. इसके कार्य की गति को तेज किया गया है.

14. पटाखों पर प्रतिबंध

पिछले वर्षों की तरह इस बार भी दिल्ली के अंदर पटाखों के उत्पादन, भंडारण, उपयोग और किसी भी प्रकार की बिक्री या खरीद पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. यह प्रतिबंध पटाखों के ऑनलाइन डिलीवरी पर भी लागू रहेगा. यह प्रतिबंध नोटिफिकेशन होने पर प्रभावी होगा, जो जल्द ही जारी किया जाएगा.

15. ग्रेप का क्रियान्वयन

पिछले सालों की तरह इस साल भी दिल्ली में ग्रेप योजना चलाई जाएगी.

16. खुले में कूड़ा जलाने पर रोकथाम

दिल्ली में खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगा दी गई है. कहीं भी लोग कूड़ा न जलाएं, इसे सुनिश्चित करने के लिए 588 टीमों का गठन किया गया है.

17. वर्क फ्राम होम को प्रोत्साहन देना

इसके लिए सभी जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.

18. स्वैच्छिक वाहन प्रतिबंध

इसके लिए दिल्ली के नागरिकों के लिए एडवाईजरी जारी की जाएगी.

19. ऑड-ईवन की तैयारी

गोपाल राय ने कहा कि जरूरत पड़ने पर दिल्ली में ऑड-ईवन प्रणाली लागू की जा सकती है. इसके लिए सभी संबंधित विभागों को तैयार रहने के लिए कहा गया है.

20. कृत्रिम वर्षा

इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखा गया है कि वह इसके लिए सभी संबंधित विभागों की मीटिंग बुलाएं.

21. भारत सरकार और एनसीआर के राज्यों के साथ संवाद

गोपाल राय ने कहा कि हम बार-बार कहते रहे हैं कि दिल्ली के प्रदूषण में लगभग दो-तिहाई से अधिक हिस्सेदारी दिल्ली के बाहर के स्रोतों की होती है. सीएसई की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदूषण में केवल 31 फीसद हिस्सेदारी दिल्ली के अंदर के स्रोतों की होती है, जबकि बाहरी स्रोतों का योगदान 69 फीसद है. दिल्ली के प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार, भारत सरकार, सीएक्यूएम और एनसीआर राज्यों को मिलकर काम करना पड़ेगा. इसलिए, मैं एनसीआर राज्यों से आग्रह करता हूं कि-

  • एनसीआर से दिल्ली आने वाले सभी सार्वजनिक परिवहन सीएनजी या इलेक्ट्रिक पर चलाए जाएं.
  • एनसीआर राज्यों में काफी औद्योगिक इकाइयां अभी भी प्रदूषक ईंधन पर चल रही हैंकृउन्हें तत्काल पीएनजी में बदला जाए.
  • एनसीआर राज्यों में चल रहे भारी प्रदूषण फैलाने वाले ईंट भट्ठों को जिग-जैग तकनीक में परिवर्तित किया जाए.
  • डीजल जनरेटर पर निर्भरता कम करने के लिए एनसीआर राज्यों के सभी हाउसिंग सोसाइटियों के लिए 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की जाए.
  • एनसीआर राज्यों में भी दिल्ली की तरह पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी हो.
  • नॉन-डेस्टिनेशन वाहनों को ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर उनके शुरुआती बिंदु से ही डायवर्ट करने के लिए संबंधित सरकारों को निर्देश दिए जाएं.
  • पराली के धुएं से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए उचित प्रबंध किए जाएं.

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