Cyclone Remal: चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के रविवार आधी रात को बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में पहुंचने के मद्देनजर विभिन्न क्षेत्रों से एक लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि रेमल के पहुंचने की प्रक्रिया चार घंटे तक जारी रहेगी और इसका केंद्र रात 8.30 बजे समुद्र तट से लगभग 30 किमी था.
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, चक्रवात ने बांग्लादेश के मोंगला के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से से होते हुए भारत के पश्चिम बंगाल तट को पार करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि यह आसपास के इलाकों में मध्यरात्रि तक पहुंचेगा. दोपहर तीन बजे तक पश्चिम बंगाल सरकार ने तटीय और आसपास के क्षेत्रों से लगभग 1.10 लाख लोगों को निकाल लिया था और उन्हें आश्रय गृहों, स्कूलों और कॉलेजों जैसे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया. अधिकारी ने बताया, ”तटीय क्षेत्रों से 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. इन लोगों में से एक बड़ी संख्या दक्षिण 24 परगना जिले, विशेष रूप से सागर द्वीप, सुंदरबन और काकद्वीप से है.”
राज्य के मंत्री अखिल गिरी ने कहा, ”पूर्व में चक्रवात अम्फान और चक्रवात यास से निपटने में हमारे अनुभव का अच्छा उपयोग किया जाएगा.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ से निपटने को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने गृह मंत्रालय से स्थिति की निगरानी करने और चक्रवात के आने के बाद समीक्षा करने तथा सेवाओं की बहाली के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए कहा है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सी.वी.आनंद बोस ने कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और चक्रवात से निपटने को लेकर समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केंद्रीय विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में हैं. बोस ने बंगाल के तटीय क्षेत्रों में निवासियों के लिए सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और उनसे चक्रवात के मद्देनजर मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करने की अपील की.
चक्रवात से तबाही जारी
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के पसुंदरबन में चक्रवात ‘रेमल’ के टकराने के बाद कई पेड़ उखड़ गए.चक्रवात ‘रेमल’ के टकराने के बाद कल रात पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं.
पेड़ उखड़े, घरों की छतें उड़ीं
पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान रेमल का सोमवार को भी असर दिखा. यहां 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. रेमल के चलते कोलकाता समेत कई जगहों पर तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश हुई. इसके चलते कच्चे घरों की छतें उड़ गईं, बिजली के खंबे टूट गए. इतना ही नहीं हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि पेड़ भी उखड़ गए.
कोलकाता में भारी बारिश के बाद कई जगहों पर जलभराव
चक्रवाती तूफान रेमल की लैंडिंग के बाद से ही कोलकाता में भारी बारिश जारी है. बारिश के चलते कोलकाता के कई इलाकों में जलभराव हो गया. इतना ही नहीं तूफानी हवाओं के चलते कई जगह पेड़ उखड़ गए. इसके चलते कई सड़कें जाम हो गई हैं. एनडीआरएफ समेत तमाम एजेंसियां इन्हें हटाने के काम में जुटी हैं.
बंगाल के कई शहरों में भारी बारिश
पश्चिम बंगाल: कोलकाता शहर के कई हिस्सों में लगातार बारिश जारी है. चक्रवात रेमल कुछ और समय तक लगभग उत्तर की ओर और फिर उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ता रहेगा और आज सुबह तक धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा.
असम, त्रिपुरा समेत इन राज्यों में अलर्ट
भीषण चक्रवाती तूफान रेमल के आने से पहले विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में आपदा प्रबंधन अधिकारियों और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जिला प्रशासनों को अग्रिम एहतियाती कदम उठाने के लिए कहा गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवात रेमल रविवार आधी रात को तट पार कर सकता है. इस कारण पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच भूस्खलन होने का अनुमान है. इस समय चक्रवात केंद्र के आसपास 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है. रफ्तार 135 किमी प्रति घंटे तक बढ़ सकती है. असम, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम सरकारों ने अलग-अलग सलाह जारी की है और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों को अधिकतम सतर्क रहने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि आईएमडी ने 27 और 28 मई को असम के साथ-साथ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी है.
कोलकाता में तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश
चक्रवात रेमल ने रविवार देर रात बांग्लादेश के मोंगला के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से से होते हुए भारत के पश्चिम बंगाल तट को पार करना शुरू कर दिया. चक्रवात का असर कोलकाता, हावड़ा, हुगली और पूर्व मेदिनीपुर, सुंदरबन और काकद्वीप, दक्षिण 24 परगना जिले में हैं.इन जगहों पर रविवार रात से ही तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश जारी है. इसके सोमवार को और तेज होने की संभावना है. कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वी क्षेत्र के प्रमुख सोमनाथ दत्ता ने कहा कि दक्षिण बंगाल के कई जिलों में 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिससे कोलकाता, हावड़ा, हुगली और पूर्व मेदिनीपुर प्रभावित होंगे.
बांग्लादेश में चक्रवात रेमल से एक शख्स की मौत
बांग्लादेश के अधिकारियों ने कहा कि माना जाता है कि तूफान से एक युवक की मौत हो गई, क्योंकि समुद्री लहरें उसे बहा ले गईं और दक्षिण-पूर्वी पटुआखाली में कई लोग घायल हो गए. पुलिस के अनुसार, क्षमता से दोगुने, 50 से अधिक यात्रियों से भरी एक नौका तूफान के रास्ते में मोंगला बंदरगाह के पास डूब गई. इसमें सवार लोग सुरक्षित स्थान की ओर भाग रहे थे. हालांकि, लोगों को बचा लिया गया जिन्हें कुछ चोट आई है.
बांग्लादेश से बंगाल पहुंचा चक्रवात रेमल
मौसम कार्यालय के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चक्रवात ने रात लगभग 8:30 बजे (स्थानीय समय) बांग्लादेश के मोंगला और खेपुपारा तट के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से से होते हुए भारत के पश्चिम बंगाल तट को पार करना शुरू कर दिया.’’