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Cyber Crime Case: सरकार ने जारी किए आंकड़े,देश में 11.28 लाख केस दर्ज,सबसे अधिक केस उत्तर प्रदेश से दर्ज

Cyber Crime Case: देश में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. मौजूदा वक्त में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह काफी सक्रिय हैं. ये भोले भाले आम लोगों को तो अपना शिकार बनाते ही हैं, साथ ही काफी पढ़े लिखे नागरिकों को भी अपनी जाल में फंसा लेते हैं.

मंगलवार यानी 6 फरवरी को सरकार की ओर से लोकसभा में दिए गए एक जवाब के मुताबिक साल 2023 में वित्तीय साइबर धोखाधड़ी के कुल 11.28 लाख मामले सामने आए.

 

देश में साइबर फ्रॉड के मामलों में सबसे अधिक केस उत्तर प्रदेश से दर्ज किए गए. वहीं, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र रहा. वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (Indian Cyber Crime Coordination Centre) के तहत ‘सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट सिस्टम’ की स्थापना की गई है.

 

साइबर फ्रॉड के मामले में राज्यों की स्थिति?

पिछले साल 2023 में वित्तीय साइबर फ्रॉड के आधे से अधिक मामले शीर्ष पांच राज्यों से सामने आए थे. करीब 2 लाख मामलों के साथ उत्तर प्रदेश शीर्ष पर था, जो 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक था. इसके बाद 1 लाख 30 हजार मामलों के साथ महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर रहा. इसके बाद गुजरात में 1 लाख 20 हजार केस सामने आए. वहीं राजस्थान और हरियाणा में करीब 80-80 हजार मामले रिपोर्ट किए गए. वहीं, साइबर फ्रॉड को लेकर लक्षद्वीप 29 मामलों के साथ सबसे नीचे था.

 

कितने रुपये का साइबर फ्रॉड?

देश में कुल 11.28 लाख साइबर क्राइम के केस में 7,488.6 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी. सबसे अधिक रकम महाराष्ट्र में 990.7 करोड़ रुपये थी. 759.1 करोड़ रुपये के साथ तेलंगाना दूसरे स्थान पर रहा. जबकि यूपी में 721.1 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई. कर्नाटक में 662.1 करोड़ रुपये और तमिलनाडु में 661.2 करोड़ रुपये का फ्रॉड शामिल रहा. इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN) के डेटा से पता चलता है कि 2022 में 1,391,457 साइबर सुरक्षा से संबंधित घटनाएं दर्ज की गईं थी.

 

कितने सिम कार्ड हुए ब्लॉक?

लोकसभा में दिए जवाब में कहा गया है कि सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट सिस्टम’ की शुरूआत के बाद से 4.7 लाख से अधिक शिकायतों में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की गई. लोकसभा में जारी बयान में ये भी कहा गया है कि सरकार ने पुलिस द्वारा रिपोर्ट किए गए 320,000 सिम कार्ड और 49,000 इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबरों को ब्लॉक कर दिया है.

 

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