गृहमंत्री अमित शाह ने आज जनगणना भवन में नागरिक पंजीकरण प्रणाली यानि की CRS (Civil Registration System ) ऐप लॉन्च किया. इस ऐप के जरिए कोई भी आम आदमी किसी भी जगह से जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन कर सकता है.
ऐप की मदद से अब घर बैठे रजिस्ट्रेशन का यह काम आसानी से हो जाएगा. ये ऐप आम आदमी को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने और लंबी लाइनों में खड़े होने से मुक्ति दिलाने में कारगर साबित होगा.
इसके लिए सेंसस इंडिया 2021 (Census India 2021) के आधिकारिक हैंडल से बताया गया है कि इस ऐप के जरिए जन्म मृत्यु का रजिस्ट्रेशन आसानी से हो जाएगा. प्रक्रिया के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को जन्म या मृत्यु संबंधी जानकारी और रजिस्ट्रेशन बर्थ या डेथ के 21 दिन के अंदर ऐप पर करना होगा.
ऐप के मुताबिक, अगर आप 21 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाते हैं तो फिर अतिरिक्त शुल्क देना होगा. इसके लिए देश के किसी भी आम आदमी को 22 से 30 दिनों के अंदर 2 रुपये शुल्क देना होगा और 31 दिन से एक साल तक 5 रुपये की लेट फीस जमा करानी होगी. इसी के साथ-साथ ज्यादा पुराने प्रमाण पत्रों के लिए 10 रुपये का शुल्क तय किया गया है यानि अधिकतम विलंब शुल्क 10 रुपये होगा.
इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह एप्लिकेशन नागरिकों को किसी भी समय, किसी भी स्थान से और उनके राज्य की आधिकारिक भाषा में पंजीकरण करने की अनुमति देती है. इससे जन्म और मृत्यु के पंजीकरण को सहज और परेशानी मुक्त बनाया जा रहा है.
देश में जनगणना कराने को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है. जनगणना में सूचना एकत्र करने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल भी किया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि पहली बार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) बनने जा रहा है. जिससे देश की कानून व्यवस्था में सुधार होगा और देश के विकास को नई राह मिलेगी.
हालांकि, अभी तक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि जनसंख्या गणना कब शुरू होगी और इसका क्या फॉर्मेट होगा. साथ ही विपक्षी दल लगातार जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं उस पर सरकार ने क्या एक्शन लिया है इन सभी सवालों के जवाब अभी नहीं दिए गए हैं.