सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में इस बात की जानकारी दी कि 45,811 सहकारी समितियां बंद होने की प्रक्रिया में हैं. अमित शाह ने एक सवाल के लिखित जवाब में सदन को यह जानकारी दी. अमित शाह ने कहा, राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस (एनसीडी) के अनुसार भारत में एक मार्च 2025 तक कुल 8,32,103 सहकारी समितियों में से 6,37,221 सहकारी समितियां चालू हालत में हैं और 45,811 समितियां बंद होने की प्रक्रिया में हैं.
सरकार की कामयाबी गिनाई
अमित शाह ने सहकारिता के क्षेत्र में सरकार की कामयाबी भी गिनाईं और कहा कि 400 पैक्स ने अपने पेट्रोल पंप बना लिए हैं. गैस एजेंसी के लिए भी पैक्स से आवेदन आ रहे हैं. इसी के साथ उन्होंने भारत ब्रांड खाद्यान्न सहकारी समिति के जरिए से बाजार में बेचे जाने की जानकारी दी और कहा कि इसका 80 फीसदी पैसा सीधे किसान के खाते में भेजा जा रहा है. पैक्स के जरिए भंडारण का इंतजाम भी कराया जा रहा है. किसान का 12 लाख टन से ज्यादा का उत्पाद निर्यात कर इसका मुनाफा सीधे किसान के खाते में भेजने का काम किया गया है.
इसी के साथ लोकसभा में त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना से संबंधित बिल बुधवार को पारित हो गया है. लोकसभा ने चर्चा और सहकारिता मंत्री अमित शाह के जवाब देने के बाद कुछ संशोधनों के साथ इस बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इस बिल पर चर्चा के दौरान नाम को लेकर कई सदस्यों ने सवाल भी खड़े किए. वोटिंग के समय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सौगत रॉय ने यूनिवर्सिटी का नाम त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की जगह राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय रखने से संबंधित संशोधन प्रस्ताव भी मूव किया. उन्होंने आगे कहा कि सहकारिता मंत्री ने अपने जवाब में एक बार भी वर्गीज कुरियन का नाम नहीं लिया.
सौगत रॉय के इस प्रस्ताव पर अमित शाह ने बताया कि कई सदस्यों ने कुरियन साहब का नाम लिया है. इनको इस बात की जानकारी भी नहीं होगी कि कुरियन साहब का जन्म शताब्दी वर्ष चल रहा है और गुजरात सरकार इसे मना रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अमूल की स्थापना त्रिभुवन भाई पटेल ने की थी. कुरियन साहब को अमूल में जॉब देने का काम त्रिभुवन पटेल ने ही किया था.