आज की डेट में कोचिंग सेंटर एक बहुत बड़ा मार्केट बनकर उभरा है. देश के हर गली-कूचे में आपको एक ना एक कोचिंग सेंटर मिल जाएगा जहां कई हजारों स्टूडेंट पढ़ते हैं. यह बच्चे अपनी शिक्षा को और बेहतर बनाने के इरादे से और पेरेंट्स अपने बच्चों का भविष्य संवारने कि खातिर उनको इन कोचिंग सेंटर में भेज देते हैं, लेकिन इन सेंटरों का सच कुछ और है.
बेहतर शिक्षा,सबसे ज्यादा मार्कस और गारंटी सफलता का वादा करने वाले कोचिंग सेंटर के भ्रामक ऐड आपने टीवी पर जरूर देखे होंगे. इन सेंटरों के ऐड आपसे वादा करते हैं कि इनके सेंटर में पढ़ने के बाद आपका बच्चा सबसे सफल होकर ही निकलेगा. इसके लिए ये सेंटर आपसे मोटी रकम वसूल करते हैं. लेकिन होता कुछ नहीं. लेकिन अब सेंटर इस तरह के भ्रामक ऐड नहीं चला पाएंगे.
मनमानी नहीं कर सकेंगे कोचिंग संस्थान
कोचिंग सेंटर के गुमराह करने वाले विज्ञापन पर लगाम लगाने के लिए कंज्यूमर प्रोटक्शन अथॉरिटी ने ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की है. अथॉरिटी ने 30 दिन में सभी स्टेकहोल्डर की राय मांगी है. देश में कोचिंग संस्थान 100 फीसदी सेलेक्शन या सफलता की गारंटी का दावा करते हैं. अब इस पर सरकार ने लगाम लगाने के लिए कदम उठाया है. केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने कोचिंग क्लासेज के भ्रामक विज्ञापनों से निपटने के लिए एक ड्रॉफ्ट गाइडलाइन जारी की है जिसपर सभी स्टेकहोल्डर को 30 दिन के अंदर अपनी राय देनी होगी.
क्या कहती है नई ड्राफ्ट गाइडलाइंस
कोचिंग सेंटर के गुमराह करने वाले इन विज्ञापनों पर कड़ा एक्शन लेते हुए जारी की गई इन नई ड्रॉफ्ट गाइडलाइन के अनुसार छात्रों को परीक्षा में उत्तीर्ण हुए कैंडिडेट के कोर्स की पूरी जानकारी देनी होगी साथ ही परीक्षा में सेलेक्ट हुए छात्रों की संख्या की जानकारी भी देनी होगी. अब कोचिंग सेंटर को बताना होगा कि छात्र की सफलता में कोचिंग सेंटर का कितना हाथ है. गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर पूरी तरह से रोक होगी साथ ही अब कोई भी कोचिंग सेंटर छात्रों को ज्वाइन करने के लिए जल्दबाजी के लिए नहीं कह सकते. अब से सफल उम्मीदवारों की फोटो के साथ रैंक, कोर्स की अवधि जैसी जानकारी भी दी जाएगी. कोचिंग संस्थान अब 100 फीसदी सेलेक्शन या 100 फीसदी नौकरी की गारंटी या प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा की गारंटी जैसे दावे नहीं कर सकेंगे.