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कांग्रेस ने मानसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की, पहलगाम आतंकवादी हमले, मणिपुर हिंसा, चुनाव आयोग की निष्पक्षता, किसानों की समस्याएं और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा

संसद के मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी की संसदीय रणनीतिक समिति की बैठक में फैसला हुआ कि पहला मुद्दा पहलगाम होगा और इस पर सीधे पीएम मोदी से जवाब मांगा जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक, संसद के आगामी सत्र में बाकी विपक्षी दलों को साथ रखने की मंशा से सोनिया गांधी ने साफ किया कि पहलगाम के मुद्दे पर पूरे विपक्ष ने संसद के विशेष सत्र की मांग की थी, जिसे सरकार ने नहीं माना. इसलिए संसद में सबसे पहले इसी मुद्दे को उठाया जाना चाहिए. पार्टी ने इस मुद्दे को चार पहलुओं में बांटकर सरकार पर हमलावर होने की तैयारी की है.

संसद में मोदी सरकार को घेरेगी कांग्रेस

1. इतने दिन बाद 28 महिलाओं के सुहाग उजाड़ने वाले आतंकियों का कोई अता-पता क्यों नहीं?

2. पहलगाम हमले में खुद सरकार ने माना कि, सुरक्षा में चूक हुई? ऐसे में चूक कैसे हुई, कौन जिम्मेदार, जवाबदेही किसकी तय हुई?

3. ऑपरेशन सिंदूर के तहत जब हमारी जांबाज सेना आगे बढ़ रही थी तो ट्रम्प के दबाव में डील के नाम पर सीजफायर क्यों किया? वो 23 बार बोल चुके, हमारे पीएम चुप क्यों?

4. जब सेना के अधिकारी ने कहा कि, पाकिस्तान संघर्ष का चेहरा था, जबकि चीन पीछे से उसकी मदद कर रहा था. ऐसे में हमारे विदेश मंत्री चीन जाकर गलबहियां क्यों कर रहे हैं? कहां गईं लाल आंखें?

इन मुद्दों को भी किया गया शॉर्टलिस्ट

इसके बाद कांग्रेस ने सत्र के लिए बाकी मुद्दों को भी शॉर्टलिस्ट किया है, इनमें–

1. केंद्रीय चुनाव आयोग सरकार की कठपुतली बन गया है, बिहार में SIR लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश, इसके बाद बंगाल और बाकी राज्यों का नम्बर.

2. मणिपुर, ओडिशा समेत तमाम राज्यों में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, लेकिन केंद्र चुप्पी साधे रहता है. पीएम आज तक मणिपुर नहीं गए.

3. जम्मू कश्मीर में चुनाव हुए अरसा हो गया, अब तक उसे वायदे के मुताबिक पूर्ण राज्य का दर्जा वापस क्यों नहीं?

4. किसानों की आत्महत्या, कर्जमाफी, उनकी आय दो गुनी करना और एमएसपी के मसले पर सरकार खामोश क्यों?

5. बेरोजगारी अपने चरम पर है, 2014 में हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा हवा हवाई निकला. हालात बद से बदतर क्यों?

6. चंद उद्योगपतियों के कर्जे माफ हो रहे हैं, अमीर और अमीर, जबकि गरीब और गरीब क्यों हो रहा है? चंद उद्योगपतियों के पास ही दौलत क्यों इकट्ठा हो रही है?

7. पंथनिरपेक्ष और समाजवाद को हटाने की बहस पर पार्टी ने रणनीति बनाई है कि, ये दोनों शब्द संविधान के प्री-एम्बल में हैं. अब मोदी सरकार इसे हटाना चाहती है तो प्रस्ताव लाकर दिखाए, तब हम पुरजोर विरोध करेंगे.

सोनिया के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की बैठक

पार्टी की बैठक के बाद अब मुद्दों को अंतिम रूप देने के लिए जल्दी सोनिया गांधी के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की बैठक होगी. हालांकि, इस बैठक में दिलचस्प बात रही शशि थरूर की गैर-मौजूदगी. वैसे आधिकारिक तौर पर खत लिखकर थरूर ने आलाकमान को जानकारी दी है कि, पूर्व निर्धारित पारिवारिक कार्यक्रमों के चलते वो बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे. लेकिन हाल में थरूर और कांग्रेस की रार जगजाहिर रही है, ऐसे में उनका नदारद रहना सवाल जरूर खड़े करता है.

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