नई शिक्षा नीति के खिलाफ सोमवार को जंतर-मंतर पर हजारों की संख्या में इंडिया गठबंधन के छात्र संगठनों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने नई शिक्षा नीति को वापस लेने समेत कई चीजों की मांग की है. प्रदर्शन में एनएसयूआई, एसएफआई, आइसा, एआईएसएफ, सीआरजेडी, समाजवादी छात्र सभा, मुस्लिम छात्र संघ समेत लेफ्ट छात्र संगठन भी शामिल हुए.
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी के नेतृत्व में हजारों छात्रों ने शामिल होकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020, बार-बार होने वाले पेपर लीक, यूजीसी के नए मसौदा नियमों और शिक्षा के बढ़ते निजीकरण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.
राहुल गांधी भी संसद मार्च में हुए शामिल
वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी इस मार्च में शामिल हुए और छात्र संगठनों को संबोधित किया. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश के भविष्य और शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने में लगा हुआ है. उन्होंने यहां जंतर-मंतर पर इंडिया गठबंधन के विभिन्न घटक दलों की छात्र इकाइयों के संयुक्त प्रदर्शन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी को मिलकर रोकना एवं पराजित करना है.
राहुल गांधी ने दावा किया कि एक संगठन हिंदुस्तान का भविष्य और शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने में लगा है. उस संगठन का नाम आरएसएस है. यदि शिक्षा व्यवस्था उनके हाथ में चली जाएगी, जो धीरे धीरे जा रही है, तो देश बर्बाद हो जाएगा और इस देश में किसी को रोजगार नहीं मिलेगा. उनका कहना था कि आज छात्रों को यह बताने की जरूरत है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति आरएसएस द्वारा नामित हैं और आने वाले समय में राज्यों के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी आरएसएस द्वारा नामित होंगे. यह देश के लिए खतरनाक हैं. इसे हमें रोकना है.
बेरोजगारी-महंगाई पर बात नहीं करते पीएम
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेरोजगारी और महंगाई पर बात नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा कि देश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है. कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने महाकुंभ के बारे में लोकसभा में बात की. मैं यह बोलना चाहता था कि कुंभ के बारे में बात करना अच्छी बात है, लेकिन भविष्य के बारे में बात करनी चाहिए, बेरोजगारी के खिलाफ बात करनी चाहिए.
आरएसएस को सारी संस्थाओं का नियंत्रण
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा व्यवस्था के बारे में बात नहीं करते क्योंकि प्रधानमंत्री का मॉडल, बीजेपी और आरएसएस का मॉडल है, जिसके तहत अडानी, अंबानी को सारा धन देना और आरएसएस को सारी संस्थाओं का नियंत्रण देना है. उन्होंने छात्र संगठनों से कहा कि हमारी विचारधारा और नीतियों पर थोड़ा फर्क हो सकता है, लेकिन हम हिंदुस्तान की शिक्षा प्रणाली को लेकर कभी समझौता नहीं करेंगे. हम मिलकर कदम बढ़ाएंगे और आरएसएस-बीजेपी को हराएंगे.