राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने आज जेपी नड्डा एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया, जिसमें कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी.के शिवकुमार के कथित बयानों को लेकर सदन को ‘गुमराह’ करने का आरोप लगाया गया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राज्यसभा के कामकाज संबंधी नियम 188 के तहत दो अलग-अलग नोटिस दिए. उन्होंने सभापति जगदीप धनखड़ को दिए नोटिस में कहा कि 24 मार्च को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के तुरंत बाद रिजिजू ने शिवकुमार के कथित तौर पर दिए गए कुछ ‘गलत बयानों’ का हवाला देकर सदन को ‘गुमराह’ किया है.
जयराम रमेश ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया
जयराम रमेश ने नड्डा के खिलाफ अपने नोटिस में कहा कि सदन के नेता ने कांग्रेस पर कर्नाटक विधानसभा में मुसलमानों को ठेकों में 4 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान को खारिज करते हुए नड्डा ने कहा था कि विपक्षी दल के नेता आंबेडकर के रक्षक होने का दावा करते हैं, जिनका मानना था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होना चाहिए.
‘जेपी नड्डा की टिप्पणी पूरी तरह से गलत है’
कांग्रेस नेता के मुताबिक, नड्डा ने कांग्रेस पर मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को आरक्षण देकर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिकारों को छीनने का भी आरोप लगाया. रमेश ने कहा,‘जेपी नड्डा की उपरोक्त टिप्पणी पूरी तरह से गलत है, इसमें तथ्यात्मक आधार नहीं है और यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसके नेताओं को बदनाम करने के लिए सुनियोजित उद्देश्य से दिया गया बयान है. इसलिए यह विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना का मामला है’.
‘सदन में गलत और भ्रामक बयान देना विशेषाधिकार का उल्लंघन’
नोटिस में कहा गया है, ‘डी के शिवकुमार ने उल्लेखित बयानों को गलत और अपमानजनक प्रकृति का बताते हुए उनका खंडन किया है. इसलिए, रिजिजू की टिप्पणी गलत और भ्रामक है, जो विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना है’. रमेश ने नोटिस में कहा, ‘यह स्थापित व्यवस्था है कि सदन में गलत और भ्रामक बयान देना विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना है. इसके मद्देनजर मैं अनुरोध करता हूं कि इस मामले में रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार कार्यवाही शुरू की जाए’.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में कहा, ‘एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता जो एक संवैधानिक पद पर हैं, उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करेगी. हालांकि, रिजिजू ने नेता का नाम नहीं बताया लेकिन वह परोक्ष रूप से शिवकुमार का जिक्र कर रहे थे’. मंत्री ने कहा, ‘हम इस तरह के बयान को हल्के में नहीं ले सकते. उनकी ये टिप्पणी किसी साधारण नेता की नहीं बल्कि संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति की है.