चीन ने प्रशांत महासागर में एक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया है। चीन ने बुधवार को इस परीक्षण की जानकारी दी। यह अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल अमेरिका, ताइवान और जापान के लिए खतरा बन सकती है। ग्लोबल टाइम्स ने रक्षा मंत्रालय के एक बयान के हवाले से बताया कि डमी हथियार ले जाने वाली मिसाइल को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रॉकेट फोर्स ने दागा था। मिसाइल को प्रशांत महासागर के ऊंचे समुद्र में गिराया गया था।
मिसाइल ने लक्ष्य हासिल किया
चीन ने कहा है कि यह मिसाइल परीक्षण देश की वार्षिक प्रशिक्षण योजना का हिस्सा था। इसका लक्ष्य किसी खास देश या लक्ष्य को नहीं बनाया गया था। चीनी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिसाइल परीक्षण ने हथियार प्रदर्शन और सैन्य प्रशिक्षण की प्रभावशीलता को परखा और अपने लक्ष्यों को हासिल किया।
1989 के बाद पहली बार दी गई जानकारी
खास बात यह है कि चीन ने 1989 के बाद पहली बार ICBM के वायुमंडलीय परीक्षण की सफलतापूर्वक सूचना दी है। चीनी ICBM का पहला परीक्षण मई 1980 में हुआ था और तब से चीन के अधिकांश परमाणु हथियार परीक्षण भूमिगत तरीके से किए गए हैं।
ये देश हो सकते हैं चिंतित
चीन के इस कदम से परमाणु हथियारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंताएं बढ़ने की संभावना है। वहीं, बीजिंग का कहना है कि वह पहले इस्तेमाल नहीं करने की नीति पर चलता है। बता दें कि दक्षिण चीन सागर में चीन का अमेरिका, जापान, फिलीपींस, ताइवान समेत कई देशों के साथ विवाद चल रहा है।
चीन के पास 500 से ज्यादा परमाणु हथियार
रॉयटर्स के मुताबिक, चीन के पास 500 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। इनमें से करीब 350 आईसीबीएम हैं। उम्मीद है कि 2030 तक चीन के पास 1000 से ज्यादा परमाणु हथियार होंगे। पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीनी सेना जमीन पर मार करने वाली आईसीबीएम के लिए सैकड़ों सीक्रेट मिसाइलें बना रही है।