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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कभी अंडे का ठेला लगाने वाला वीरेंद्र तोमर देखते ही देखते करोड़पति बन गया. आखिर कैसे अवैध सूदखोरी और लोगों को ब्लैकमेल कर अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया

Chhattisgarh Crime News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कभी अंडे का ठेला लगाने वाला वीरेंद्र तोमर कैसे देखते ही देखते करोड़पति बन गया. इसकी कहानी अब सबके सामने आने लगी है. करणी सेना का अध्यक्ष बन वीरेंद्र तोमर और उसके भाई रोहित तोमर का आतंक रायपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई शहरों में था. अवैध सूदखोरी के धंधे में आकर लोगों की मजबूरी का फायदा उठा, लोगों को ब्लैकमेल कर अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया. लेकिन अब पुलिस ने इन दोनों भाइयों पर अपना शिकंजा कस लिया है.

दरअसल पिछले दिनों रोहित तोमर ने रायपुर के एक प्रॉपर्टी डीलर के साथ मारपीट की थी. प्रॉपर्टी डीलर ने रोहित तोमर पर मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया. जिसके बाद से रोहित और उसका भाई वीरेंद्र फरार हैं. दोनों भाइयों की तलाश में पुलिस उनके भाटापारा स्थित घर पहुंची थी.

तोमर ब्रदर्स के घर से मिला करोड़ों का माल

पुलिस ने जब वीरेंद्र और रोहित तोमर के आलीशान घर में छापेमारी की तो उनके घर से करोड़ो का माल मिला. जिसमें करीब 37 लाख रुपये नगद, 734 ग्राम सोने के जेवर, 125 ग्राम चांदी के जेवरात, BMW, थार और मारुति ब्रेज़ा कार, ई स्टांप, ज़मीनों के कागजात, नोट गिनने की मशीन , अवैध रूप से रखी 5 तलवारें, 1 रिवाल्वर, 1 पिस्टल और ज़िंदा कारतूस बरामद हुए हैं.

दोनों भाई चलते थे सूदखोरी का अवैध कारोबार
यह पहली बार नहीं है जब पुलिस के पास तो उम्र ब्रदर की शिकायत पहुंची हो. कारोबारी को जान से करने और मारपीट करने की शिकायत के पहले कई बार पुलिस को इन दोनों भाइयों की शिकायतें मिल चुकी हैं. इन दोनों भाइयों ने कई सराफा कारोबारी और बिल्डर को अपने चंगुल में फंसा रखा था. पुलिस का शिकंजा कसने के बाद अब धीरे-धीरे फरियादी पुलिस के सामने आ रहे हैं.

तोमर ब्रदर्स पर पहले से दर्ज हैं ये मामले 

2015: एक महिला ने पुरानी बस्ती थाना में मानसिक प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज कराई.
2016: एक युवक ने मारपीट की शिकायत की.
2017: भाटागांव की महिला ने मारपीट और जान से मारने की धमकी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
2018: ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज हुई.
2019: कोतवाली और कबीर नगर में सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग की FIR.
2020 के बाद: मारपीट, गाली-गलौज, और जानलेवा हमले की घटनाएं भी दर्ज.
2006: कारोबारी पर चाकू से हमला (आजाद चौक थाना).
2010: गुढ़ियारी में पैसों के लिए मारपीट.
2013: हत्या का मामला दर्ज.
2019: धोखाधड़ी और कूट रचना का केस, हलवाई लाइन के व्यापारी ने ब्लैकमेलिंग की रिपोर्ट दी.

सूदखोरी में परिवार की महिलाएं भी शामिल
जानकारी के मुताबिक वीरेन और रोहित तोमर के सूट खोरी के काले धंधे में उनके घर की महिलाएं भी शामिल थी. यह लोग ब्याज की रकम अपने कर्मचारियों योगेश और अपने घर की महिलाएं शुभ रात तोमर और नेहा तोमर के खातों में डलवाते थे. पीड़ितों के बयान के आधार पर पुलिस अब पूरे परिवार की जांच कर रही है फिलहाल वीरेंद्र और रोहित तोमर फरार है पुलिस लगातार उनकी तलाश में जुटी हुई है.

ज्वेलर्स और सट्टेबाजों को बनाते थे निशाना
जानकारी के मुताबिक रायपुर के सदर बाजार इलाके में कई छोटे-छोटे ज्वेलर्स को इन्होंने अपने जाल में फंसाया. ब्लैकमेलिंग, वसूली और दबाव डालना इनका आम तरीका था. ब्याज पर पैसा देना भी इनका बड़ा धंधा था, लेकिन वे पैसे उन्हीं को देते थे जो क्रिकेट सट्टा या जुआ खेलते थे – यानी वे लोग जो हारने के बाद तुरंत कैश के लिए मजबूर होते हैं.

अगर समय पर पैसा नहीं लौटाया गया, तो तोमर बंधु मोबाइल छीनने, गाड़ी उठाने और जान से मारने की धमकी देने में भी पीछे नहीं रहते थे.

पुलिस की कार्रवाई के बाद यूको बैंक भी पहुंचा पुलिस के पास
तोमर ब्रदर्स पर आरोप है कि उन्होंने कई बैंकों से मोटी रकम का लोन लिया, गाड़ियां खरीदी और फिर किस्त अदा नहीं की. इतना ही नहीं, बैंक अधिकारियों को भी डराकर चुप करा देते थे. इसी तरह का एक सनसनीखेज मामला रायपुर के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र से सामने आया है, जिसमें यूको बैंक  से 1 फरवरी 2016 को 45 लाख रुपये का लोन लेकर बीएमडब्ल्यू कार खरीदी गई, लेकिन एक भी किस्त जमा नहीं की गई.

बैंक ने 31 मई 2019 को इसे एनपीए घोषित कर दिया और कोर्ट में वसूली हेतु केस दायर किया. कोर्ट ने 3 जनवरी 2025 को रायपुर आरटीओ को आदेश दिया कि कार जप्त कर बैंक को सौंप दी जाए ताकि उसकी नीलामी से लोन वसूला जा सके. लेकिन आदेश के बावजूद कार वीरेंद्र तोमर के पास ही रही. जब पुलिस ने कार्रवाई की पहल की, तब बैंक ने स्पष्ट चिट्ठी लिखकर कहा कि कार को बैंक को सुपुर्द किया जाए.

‘पुलिस ने वीरेंद्र तोमर के भतीजे को किया गिरफ्तार’
फिलहाल रायपुर पुलिस ने तोमर ब्रदर्स के भतीजे दिव्यांश तोमर को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन वीरेंद्र और रोहित तोमर अब भी पुलिस के गिरफ्त से दूर हैं. पुलिस की टीमें लगातार दोनों को तलाश कर रही हैं.

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