Breaking News

छत्तीसगढ़: राज्य लोक सेवा आयोग कार्यालय में चपरासी की नौकरी करने वाले शैलेंद्र कुमार सिंह ने पांचवीं बार के प्रयास में सीजीपीएससी पास किया, आई सेकंड रैंक; पढ़ें

जहां चाह वहां राह का मुहावरा तो आपने जरूर सुना होगा लेकिन इस मुहावरे को असल जिंदगी में बहुत कम लोग ही अमल में लाते हैं और सफलता की ऊंचाइयों को छूते हैं. जी हां, ऐसा ही कुछ मामला छत्तीसगढ़ के शैलेंद्र कुमार बांधे का है जिन्होंने पिछले हफ्ते सीजीपीएससी के रिजल्ट में दूसरी रैंक हासिल की है. छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा में शैंलेंद्र ने सामान्य श्रेणी में 73वीं रैंक और आरक्षित श्रेणी में दूसरी रैंक हासिल की है. बता दें कि इस सफलता से पहले बांधे राज्य लोक सेवा आयोग कार्यालय में चपरासी की नौकरी कर रहे थे.

बांधे की कहानी की चर्चा फिलहाल इंटरनेट पर सभी जगह हो रही है. हो भी क्यों न? बांधे एक सामान्य किसान परिवार से आते हैं. लेकिन, बचपन से ही वह पढ़ने लिखने में काफी होशियार थे. उन्होंने रायपुर के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) से बीटेक किया था. इसके बाद उन्होंने कैंपस में भाग नहीं लिया और सीजीपीएससी की तैयारी में जुट गए. बिलासपुर जिले के बिटकुली गांव के किसान परिवार के बेटे के लिए यह बड़ा सपना था.

शैलेंद्र कुमार बांधे ने बताया कि उन्होंने जब पहली बार सीजीपीएससी की परीक्षा दी थी तो उन्हें प्री एग्जाम में भी सफलता नहीं मिली थी. इसके बाद प्री पास की लेकिन मेन्स रह गया. तीसरे और चौथे प्रयास में वह इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन वहां मामला नहीं जमा. 4 बार लगातार असफलता हाथ लगने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से पांचवीं बार एग्जाम में बैठ गए. सीजीपीएससी 2023 में उन्होंने पांचवां अटेम्ट दिया और उन्होंने सफलता हासिल की.

चपरासी की नौकरी की

शैलेंद्र बताते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है इसलिए उन्होंने राज्य सेवा आयोग के दफ्तर में चपरासी की नौकरी की. उन्होंने बताया कि चपरासी की नौकरी करते हुए भी वह तैयारी करते रहे. उन्होंने कहा कि वह जब चपरासी की नौकरी भी कर रहे थे तो उसे भी पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ कर रहे थे.

उन्होंने यह भी बताया कि उनके माता-पिता ने हर मोड़ पर उनका साथ दिया और हौसला बढ़ाया है जिसकी वजह से ही वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं. उनके पिता संतराम बांधे एक किसान हैं, उन्होंने भी अपने बेटे की सफलता पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि बेटा कई बार असफल भी हुआ और लोगों ने ताने भी मारे लेकिन वह मेहनत करता रहा और आखिरी में उसकी मेहनत सफल हुई है.

About Manish Shukla

Check Also

कोल्हापुरः जिले के कागल तहसील के यमगे गांव के एक धनगढ़ के बेटे ने कमाल कर दिया, बिरुदेव सिद्धाप्पा ढोणे ने अपने पहले ही अटेम्ट में यूपीएससी की एक्जाम को क्रैक कर दिया

कोल्हापुरः महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के कागल तहसील के यमगे गांव के एक धनगढ़ के बेटे …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *