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चीन ने भव्य सैन्य परेड का आयोजन कर परेड से दुनिया को संदेश देने का प्रयास किया कि वह अब क्षेत्रीय नहीं बल्कि एक व्यापक वैश्विक शक्ति बनने की राह पर….

China Victory Parade: चीन ने हाइपरसोनिक, लेजर और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों सहित अपने कुछ अत्याधुनिक नए हथियारों का भव्य सैन्य प्रदर्शन किया है। सैन्य साजो सामान के अलावा परेड में चीन की कूटनीतिक शक्ति का भी प्रदर्शन हुआ। आयोजन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन सहित 26 विदेशी नेता भी शामिल हुए। द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के खिलाफ जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में चीन ने इस परेड का आयोजन किया था। इस खास अवसर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि उनके देश का कायाकल्प निर्बाध जारी रहेगा। चलिए ऐसे में चीन की इस विक्ट्री डे परेड के महत्व पर एक नजर डालते हैं।

चीन ने दुनिया को दिया संदेश

3 सितंबर 2025 को बीजिंग में आयोजित विक्ट्री डे परेड चीन का अब तक का सबसे बड़ा सैन्य आयोजन था, जो लगभग 90 मिनट तक चला। इस परेड में 10,000 से अधिक सैनिकों ने हिस्सा लिया। परेड में चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइलें, क्रूज मिसाइलें, ड्रोन और एडवांस फाइटर जेट की ताकत दिखाई। इस परेड में पहली बार चीन की Nuclear Trinity का सार्वजनिक प्रदर्शन किया गया, यानी भूमि, जल और वायु से चीन परमाणु हमला करने में सक्षम है। संदेश साफ था कि चीन बदलते हुए विश्व समीकरणों के बीच अपनी सैन्य क्षमता दुनिया को दिखाना चाहता था।

चीन ने कूटनीतिक शक्ति का किया प्रदर्शन

परेड ने चीन की कूटनीतिक शक्ति और वैश्विक प्रभाव की तस्वीर भी पेश की। इस अवसर पर रूस के राष्ट्रपति  व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन सहित लगभग 2 दर्जन देशों के नेता शामिल थे। दुनिया के तमाम नेताओं के जमावड़े से चीन ने अपनी कूटनीतिक शक्ति का भी प्रदर्शन किया है। परेड में अन्य उपस्थित लोगों में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र लुकाशेंको, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजाशकियन, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो और म्यांमार जुंटा प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग शामिल थे। अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, जापान, भारत और दक्षिण कोरिया के नेता इस परेड में उपस्थित नहीं थे।

शी जिनपिंग ने क्या कहा?

चीन की विक्ट्री डे परेड में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने भाषण में कहा कि दुनिया ‘शांति और युद्ध के बीच चुनाव’ का सामना कर रही है। शी ने इस मौके पर भावनात्मक और सामरिक दोनों तरह के संदेश दिए। उन्होंने चीन को ‘निर्भीक महान राष्ट्र’ बताते हुए कहा कि उनके देश का कायाकल्प निर्बाध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अतीत ने दिखाया है कि चीनी लोग हमेशा विपरीत परिस्थितियों में ‘दुश्मन का सामना करने’ के लिए एकजुट होते हैं।

चीन ने दिखाई सैन्य ताकत

परेड में सैन्य साजो सामान प्रदर्शित किए गए। चीन ने लंबी दूरी की और परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों का भी प्रदर्शन किया। परेड में स्टील्थ विमान समेत जिन अन्य हथियारों का प्रदर्शन किया उनमें लेजर हथियार, विमानवाहक आधारित जेट लड़ाकू विमान, समुद्र में गहराई तक मार करने वाले ड्रोन, एच-6जे लंबी दूरी के बमवर्षक, हवाई पूर्व चेतावनी विमान, सेना और नौसेना के ड्रोन, 5000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली डीएफ-26डी जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलें, सीजे-1000 लंबी दूरी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, वायु रक्षा प्रणालियां, एचक्यू-29 बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर, ‘कैरियर किलर’ मिसाइलें, नया युद्धक टैंक टाइप 99बी और कई रॉकेट लॉन्चर शामिल रहे।

ताइवान को लेकर चीन ने दिए संकेत

चीन की विक्ट्री डे परेड में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ‘चीनी राष्ट्र के कायाकल्प’ का कई बार जिक्र किया। इसे चीन के भविष्य के लिए शी की व्यापक योजना से जोड़कर देखा जा रहा है जो ताइवान से जुड़ी है। चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है। चीन ने कई बार कहा है कि ताइवान एक चीनी प्रांत है, जिस पर वर्तमान में अवैध अलगाववादी शासन कर रहे हैं। चीन ने इसे फिर से अपना हिस्सा बनाने की कसम खाई है। साफ है कि इस मुद्दे पर चीन पीछे हटने को ना तो तैयार दिख रहा है और ना ही भविष्य में इससे वह समझौता करेगा।

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