कांडला: गुजरात सरकार इन दिनों कोस्टल इलाकों में अवैध कब्जा हटाने के लिए मेगा डिमोलिशन ड्राइव चला रही है। भारत और पाकिस्तान की सीमा से लगे कच्छ के क्रीक एरिया में कांडला पोर्ट के पास गुरुवार को डिमोलिशन ड्राइव के तहत 580 अवैध निर्माण को तोड़ दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को बाकी बचे 55 अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है। जिन इलाकों पर बुलडोजर चला है, वहां ड्रग्स तस्करी से लेकर अवैध धंधों में लिप्त अपराधियों के छिपने का ठिकाना था। अब ये ठिकाने जमींदोज हो चुके हैं और पोर्ट इलाके में 250 एकड़ जमीन खाली कराई जा चुकी है।
6-7 हजार लोग अवैध कब्जा करके रह रहे थे
बता दें कि कांडला पोर्ट के पास इन अवैध बसाहटों में करीब 6 से 7 हजार लोग कब्जा करके रह रहे थे। इलाके के अवैध अतिक्रमण को कच्छ पुलिस और कांडला पोर्ट ऑथरिटी जमींदोज करने में लगी है। यहां न सिर्फ कांडला पोर्ट इलाके में स्थित पाइपलाइन से तेल चोरी के आरोपी रहा करते थे, बल्कि समय-समय पर ड्रग्स तस्करी और अवैध धंधों में लिप्त अपराधी भी पनाह लेते थे। भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सेंसिटिव कांडला पोर्ट का ये इलाका अवैध धंधे, ड्रग्स तस्करी और शातिर बदमाशों का पनाहगाह बन गया था और यहां रहने वाले शातिर अपराधी आसपास के इलाकों में संगीन वारदातों को बेखौफ अंजाम दे रहे थे।
580 कच्चे-पक्के अवैध मकानों को तोड़ा गया
कोस्टल इलाके में एक्शन लेते हुए पुलिस ने ऐसी और जगहों को भी चिन्हित किया है जिन पर जल्द ही बुलडोजर चलने वाला है। पुलिस और पोर्ट ऑथरिटी ने अबतक पोर्ट की जमीन पर कब्जा करके बनाए गए 580 अवैध कच्चे और पक्के मकानों को तोड़ा है। आज भी 55 और अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है। पोर्ट प्रशासन ने दावा किया है कि अबतक 200 से 250 एकड़ जमीन को अवैध कब्जा मुक्त किया गया है। यहां बने घरों में करीब 6-7 हजार लोग अवैध रूप से रह रहे थे और उनमें से कई तमाम तरह की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया करते थे।
दुनिया के प्रमुख बंदरगाहों में शामिल है कांडला पोर्ट
बता दें कि गुजरात के कच्छ जिले में स्थित कांडला पोर्ट का निर्माण 1950 के दशक में किया गया था। इसे दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट के नाम से भी जाना जाता है। इस बंदरगाह का इंफ्रास्ट्रक्चर कच्छ की खाड़ी के साथ तीन अलग-अलग स्थानों पर कांडला क्रीक, टूना टेकरा और वडिनार में स्थित है। कार्गो हैंडलिंग के लिहाज से देश के इस सबसे बड़े पोर्ट ने आज दुनिया के प्रमुख बंदरगाहों में अपनी जगह बना ली है। अब अतिक्रमण मुक्त की गई जमीन पर भी इसके विस्तार की संभावना जताई जा रही है।