‘आपकी सेवा में सदैव तत्पर’ का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस आम आदमी की सेवा कैसे करती है, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण बुलंदशहर जिले में देखने को मिला है. यहां शिकारपुर थाने की पुलिस ने बीच सड़क पर एक चलती कार को रोका, ड्राइवर को बाहर निकाला और उसकी गाड़ी में तमंचा रखने के बाद ड्राइवर को अरेस्ट कर जेल भेज दिया. संयोग ठीक था कि जहां शिकारपुर थाने की पुलिस ने यह कारनामा किया, वहीं पर एक सीसीटीवी कैमरा भी लगा था.
यही नहीं, उन्होंने पीड़ित कार चालक से भी पूछताछ की और पूरे मामले पर रिपोर्ट बनाकर एसएसपी को सौंप दिया. इसी रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने कोतवाल समेत सभी आठ पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. वहीं इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. यह जांच पूरी होने तक आरोपी पुलिसकर्मी निलंबित रहेंगे.
गुडवर्क दिखाने के लिए की घटिया हरकत
पुलिस सूत्रों के मुताबिक एसएसपी श्लोक कुमार ने पिछले दिनों क्राइम मीटिंग की थी. इस दौरान उन्होंने शिकारपुर थाना क्षेत्र में अपराध का ग्राफ बढ़ा हुआ पाया गया. इसके लिए एसएसपी ने शिकारपुर थाने के कोतवाल राकेश चतुर्वेदी की भरी मीटिंग में क्लास लगाई थी. बताया जा रहा है कि मीटिंग से निकलने के बाद से ही शिकारपुर कोतवाल एसएसपी की नजर में अपनी इमेज सुधारने के लिए किसी अच्छे गुडवर्क की फिराक में लग गए. उन्हें कुछ नहीं मिला तो फर्जी गुडवर्क का तरीका अख्तियार किया और इस तरह की की हरकत को अंजाम दिया.
यह है मामला
वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि अमित नामका युवक अपनी कार से आता है. इतने में बाइक पर सवार होकर आए पुलिसकर्मी उसे रुकने का इशारा करते हैं. जैसे ही अमित कार रोकता है, पुलिस वाले उसे कार से बाहर आने को कहते हैं. इसके बाद एक पुलिसकर्मी बाइक की डिक्की में से तमंचा निकालकर अमित की कार में रखता है और मोबाइल कैमरे के साथ पुलिसकर्मी इस कैमरे को बरामद करते हैं. इसी के साथ अमित को गिरफ्तार किया जाता है. फिर अगले दिन शस्त्र अधिनियम के तहत अमित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया जाता है.