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बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के भाषा विवाद और मतदाता सूची में संशोधन के बयानों को लेकर कहा क्या अर्थशास्त्री पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं?

नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने शुक्रवार को मतदाता सूची संशोधन और देश में बढ़ रहे भाषा विवाद को लेकर चिंता जताई थी. बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने शनिवार को अमर्त्य सेन के बयानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें ऐसे शब्द क्यों बोलने पड़ रहे हैं? क्या अर्थशास्त्री पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं?

यह टिप्पणी बीजेपी नेता ने उस समय दी जब पश्चिम बंगाल विधानसभा में सेन के द्वारा दी गई टिप्पणियों पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई. अधिकारी ने कहा कि वह ज्यादा पढ़े लिखे व्यक्तियों की टिप्पणी पर कोई जवाब नहीं देना चाहते हैं.

‘सेन इस तरह के बयान क्यों दे रहे हैं?’

अधिकारी ने विधानसभा में कहा कि वह एक उच्च शिक्षित व्यक्ति हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखते हैं. इसके अलावा वह एक वृद्ध व्यक्ति भी हैं, इसलिए मुझे कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने विधानसभा में मौजूद लोगों से कहा कि लेकिन आप सोचिए कि वह ऐसी बातें क्यों कह रहे हैं. उन्हें ऐसे शब्द क्यों बोलने पड़ते हैं? अधिकारी ने तंज कसते हुए कहा कि क्या वह किसी को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं? क्या वह ममता बनर्जी जैसी किसी को इस तरह के बयानों से खुश करने की कोशिश कर रहे हैं?

भाषा विवाद पर क्या बोले सेन ?

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने शुक्रवार को देश में, खासकर बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली भाषा बोलने वालों के खिलाफ बढ़ती भाषा विवाद को लेकर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने कहा कि कि मैंने अखबार में देखा कि किसी व्यक्ति को इसलिए बांग्लादेश भेज दिया गया क्योंकि वह बंगाली में बोल रहा था. सेन ने कहा कि इस तरह के मामलों को देखते हुए संभावना है कि मुझे भी वापस ढाका वापस भेज दिया जाए, क्योंकि वहां मेरे परिवार की जड़े हैं और इससे मुझे कोई आपत्ति भी नहीं होगी.

SIR को लेकर सेन ने क्या कहा था?

सेन ने एक दिन पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भी चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर इस प्रक्रिया को संवेदनशीलता से नहीं लिया गया, तो बड़ी संख्या में गरीब और हाशिए पर पड़े लोग मताधिकार से वंचित हो सकते हैं. सेन ने कहा था कि यह सच है कि समय-समय पर ऐसे कई कामों को पूरा करने की जरूरत होती है, लेकिन ऐसा करते समय गरीबों के अधिकारों को कुचलकर कोई बेहतर व्यवस्था नहीं बनाई जा सकती. उन्होंने कहा कि एक गलती सुधारने के लिए सात नहीं गलतियों को सही नहीं ठहराया जा सकता.

ममता बनर्जी पर भी साधा निशाना

बीजेपी अधिकारी ने अपने बयान में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य के अल्पसंख्यकों को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार में किसी भी मुसलमान ने एसआईआर के खिलाफ विरोध नहीं किया. इससे पता चलता है कि किसी भी गणना प्रक्रिया में मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति को मतदाता सूची से बाहर नहीं निकाला गया है. अधिकारी ने कहा कि बनर्जी सरकार राज्य में मुस्लिम समुदाय के वोटों को साधने का प्रयास कर रही है.

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