Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में लाल आतंक को झटके पर झटके लग रहे हैं. बीजापुर में एक बार फिर 29 लाख के 19 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने वालों में 8- 8 लाख के दो नक्सली दंपत्ति भी शामिल हैं. पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र यादव ने बताया कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में नक्सल विरोधी ऑपरेशन तेजी से चल रहा है. पिछले कुछ सालों से नक्सली लाल आतंक का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटे हैं. उन्होंने बताया कि नक्सली लीडरों की प्रताड़ना और एंटी नक्सली ऑपरेशन के बढ़ते दबाव से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है.
सोमवार को भी अलग-अलग इलाको में सक्रिय नक्सलियों ने पुलिस से संपर्क साधकर सरेंडर किया है. 8 लाख के इनामी देवा पदम और 8 लाख की इनामी दूले कलमु दंपति ने भी सरेंडर किया है. नक्सली सुरेश कटाम पर 5 लाख, सोनी पुनेम पर 2 लाख, नारायण कट्टम पर 1 लाख, अंदा मंडावी पर 1 लाख, अन्य 4 नक्सलियों पर 1- 1 लाख रुपये का इनाम घोषित है.
छत्तीसगढ़ में लाल आतंक को झटका
लाल आतंक का रास्ता छोड़ने वाले लगभग तीन दशकों से माओवादी संगठन में सक्रिय रहे हैं. सर्मपण करने वाले नक्सलियो में PLGA बटालियन के पीसीएम, 01 एसीएम, 01 मिलीशिया प्लाटून कमांडर, 01 जनताना सरकार अध्यक्ष , 05 DAKMS अध्यक्ष, 02 मिलीशिया प्लाटून डिप्टी कमांडर, 04 जनताना सरकार सदस्य, 01 AOB डिविजन प्लाटून पार्टी सदस्य, 04 DAKMS शामिल हैं.
19 नक्सलियों के जत्थे ने किया सरेंडर
पुलिस के सामने सरेंडर करने पर नक्सलियों को 25- 25 हजार रुपये नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई. पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र यादव ने बताया कि सरकार की पुनर्वास नीति से भी नक्सली आकर्षित हो रहे हैं. ढाई महीनों में अब तक 84 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. आंकड़ों के मुताबिक, 137 नक्सली गिरफ्तार किये गए हैं. 56 नक्सली मुठभेड़ में ढेर हुए हैं. पुलिस नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने को प्रोत्साहित कर रही है.