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बिहार: बांका में जंगल में पुलिस और एसटीएफ की कार्रवाई में एक लाख रुपये का इनामी नक्सली रमेश टुडू एनकाउंटर में ढेर

बांकाः बांका जिला के कटोरिया थाना क्षेत्र के कलोथर जंगल में मंगलवार रात पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में एक लाख का इनामी हार्डकोर नक्सली रमेश टुडू मारा गया। रमेश का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। वह कटोरिया के बूढ़ीघाट गांव का रहने वाला था। उसके खिलाफ जमुई और देवघर जिले के अलग-अलग थानों में 11 संगीन मामले दर्ज थे। वह करीब 15 साल से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय था।

पुलिस और एसटीएफ का सर्च अभियान जारी

डीएम अंशुल कुमार ने रमेश के शव के पोस्टमार्टम के लिए कटोरिया बीडीओ विजय कुमार सौरभ को मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है। पुलिस और एसटीएफ का सर्च अभियान जारी है। नक्सलियों के अन्य ठिकानों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है।

इस मुठभेड़ से इलाके में एक बार फिर नक्सलियों की सक्रियता का डर फैल गया है। करीब 20 साल पहले 3 नवंबर 2005 को आनंदपुर ओपी के तत्कालीन प्रभारी भगवान सिंह की बम से हत्या कर नक्सलियों ने दहशत फैलाई थी। इसके बाद जंगलों में नक्सलियों की पकड़ मजबूत होती गई।

गंभीर धाराओं में दर्ज हैं मामले

रमेश के खिलाफ 30 नवंबर 2011 को चन्द्रमंडी थाना में हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। 18 दिसंबर 2015 को हत्या और साजिश के आरोप में फिर केस दर्ज हुआ। 21 सितंबर 2018 को हत्या के मामले में तीसरा केस दर्ज हुआ। 9 जनवरी 2019 को अपहरण का केस दर्ज हुआ। 28 फरवरी 2019 को पुलिस पर हमले और आर्म्स एक्ट में केस दर्ज हुआ। 24 मई 2019 को साजिश, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक अधिनियम में केस दर्ज हुआ।

6 मार्च 2016 को चकाई थाना में हत्या और विस्फोटक अधिनियम में केस दर्ज हुआ। 27 फरवरी 2017 को देवघर के जसीडीह थाना में हत्या, डकैती और आर्म्स एक्ट में केस दर्ज हुआ। 23 दिसंबर 2013 को जसीडीह थाना में डकैती और अपहरण का केस दर्ज हुआ। 17 नवंबर 2014 को चकाई थाना में चोरी और यूएपीए एक्ट में केस दर्ज हुआ। 13 जनवरी 2021 को चन्द्रमंडी थाना में आर्म्स एक्ट और विस्फोटक अधिनियम में केस दर्ज हुआ।

पहले भी मारे गए हैं कई नक्सली

26 फरवरी 2011 को जयपुर थाना क्षेत्र के मांझीडीह में 12 घंटे चली मुठभेड़ में पुलिस ने 6 नक्सलियों को मार गिराया था। इस दौरान देवान टुडू को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से पुलिस की लूटी हुई रायफल, एसएलआर, पिस्टल और 141 खोखा बरामद हुआ था। उसे दो साल पहले उम्रकैद की सजा हुई।

20 फरवरी 2017 को सब जोनल कमांडर मंटू खैरा के मारे जाने के बाद इलाके में शांति आई थी। लेकिन नक्सली फिर से संगठन को मजबूत करने की कोशिश में लगे हैं। कटोरिया, चांदन और आनंदपुर ओपी थाना क्षेत्र का बड़ा हिस्सा जंगल, पहाड़ और नदियों से घिरा है। घने जंगलों के कारण यह इलाका नक्सलियों के लिए सुरक्षित ठिकाना रहा है।

18 सितंबर 2016 को हरदिया पड़ड़िया जंगल में मुठभेड़ हुई थी। 27 नवंबर 2016 को करमाटांड़ में मुठभेड़ हुई। 13 अप्रैल 2017 को पुलिस ने दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। हर बार मुठभेड़ के बाद पुलिस को देशी-विदेशी हथियार, हैंड ग्रेनेड, कारतूस, नक्सली साहित्य, पोस्टर, रसीद और विस्फोटक बरामद हुए हैं।

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