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बिहार: पुलिस की संयुक्त टीम ने तीन लोगों को फर्जी लाइसेंस और अवैध हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार किया, ऑटोमेटिक पिस्टल, मैगजीन और फर्जी लाइसेंस के साथ कई कारतूस बरामद

बिहार के मुजफ्फरपुर से फर्जी आर्म्स लाइसेंस और अवैध हथियार के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी फर्जी आर्म्स लाइसेंस के आधार पर बॉडीगार्ड की नौकरी कर रहे थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से ऑटोमेटिक पिस्टल, मैगजीन और फर्जी लाइसेंस बरामद किए है. इन सभी आरोपियों को बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने सदर और ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है.

बिहार एसटीएफ और मुजफ्फरपुर पुलिस ने संयुक्त अभियान के तहत फर्जी लाइसेंस के साथ अवैध हथियार रखने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों के पास से पुलिस ने 0.32 बोर की तीन रेगुलर पिस्टल, 12 बोर की एक डीबीएल बंदूक, 52 जिंदा कारतूस, 6 मैगजीन और फर्जी लाइसेंस बरामद किया है. तीनों लोग फर्जी लाइसेंस और अवैध हथियार के साथ बॉडीगार्ड के तौर पर काम रहे थे.

संयुक्त टीम ने की कार्रवाई

पकड़े गए आरोपियों की पहचान भोजपुर जिले के निवासी मुन्ना राय, रोहतास जिले के निवासी आलोक मिश्रा और धनंजय चौबे के रूप में हुई है. गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए DSP विनीता सिन्हा ने बताया कि बिहार एसटीएफ और मुजफ्फरपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सदर और ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से तीन लोगों को फर्जी शस्त्र लाइसेंस रखने को लेकर गिरफ्तार किया है.

तीन लाख रुपए में लिए थे हथियार और लाइसेंस

बिहार एसटीएफ ने भोजपुर के मनोज यादव को गिरफ्तार किया था. जिससे पूछताछ में पता चला था कि फर्जी लाइसेंस पर कई लोगों को अवैध हथियार दिए गए है. उससे पूछताछ के बाद एसटीएफ की टीम मुजफ्फरपुर पहुंची.इसके बाद पुलिस ने जूरन छपरा में गार्ड की नौकरी कर रहे आलोक मिश्रा को फर्जी लाइसेंस और अवैध हथियार रखने पर गिरफ्तार किया. पूछताछ में आलोक मिश्रा ने बताया कि हथियार और लाइसेंस तीन लाख रुपए में मनोज यादव और धनंजय से लिए थे.

फर्जी लाइसेंस पर नौकरी कर रहे थे आरोपी

आलोक मिश्रा ने बताया कि दोनों लोगों ने रुपए मिलने के बाद बिना किसी कागजी कार्रवाई किए लाइसेंस, पिस्टल और 16 कारतूस दे दिए थे. इससे बाद पुलिस ने भगवानपुर में एक वाहन एजेंसी के मालिक के बॉडीगार्ड की नौकरी कर रहे धनंजय और मुन्ना राय को गिरफ्तार किया. धनंजय के पास मिले लाइसेंस की जांच की गई तो वह मध्य प्रदेश के अमरपाटन तहसील के कुम्हारी गांव निवासी राम सिंह के नाम से पंजीकृत मिला. वहीं, मुन्ना राय का लाइसेंस फर्जी पाया गया है.

पुलिस ने आरोपियों को जेल भेजा

पुलिस की पूछताछ में मुन्ना ने बताया कि भोजपुर के विक्की तिवारी ने बिना किसी कागजी कार्रवाई किए लाइसेंस, पिस्टल और 15 गोलियां उपलब्ध कराई थी. जबकि धनंजय ने लाइसेंस को आर्म्स के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी.पुलिस ने तीनों लोगों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है. वहीं आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि पटना समेत कई जिलों में फर्जी लाइसेंस और अवैध हथियार देने वाला गिरोह काम रहा है.

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