बिहार के मुजफ्फरपुर में एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर के अजब कारनामे से हर कोई हैरान है। हर्निया का ऑपरेशन कराने गए मरीज की डॉक्टर ने नशबंदी कर दी। बुजुर्ग मरीज का तीन महीने पहले ऑपरेशन हुआ था। साढ़े तीन माह बाद मरीज की तकलीफ बढ़ने पर सरकारी अस्पताल में जांच कराई तो हकीकत सामने आई। सिविल सर्जन ने जांच के आदेश दिए हैं। मामला औराई प्रखंड का है।
मिली जानकारी के अनुसार, डॉक्टर के कारनामे से स्वास्थ्य महकमा एक बार फिर चर्चा में है। डॉक्टर ने अजब कारनामा कर दिया है। डॉक्टर की लापरवाही के शिकार मरीज का नाम पच्चू सहनी है। बताया जा रहा है कि सीतामढ़ी के महीसौठा थाना क्षेत्र के बोखरा गांव निवासी पच्चू सहनी को पेशाब से संबंधित बीमारी थी। जिसको लेकर उन्होंने औराई स्थित एक निजी नर्सिंग होम में जांच कराई। जांच में पता चला की हर्निया है। डॉक्टर ने ऑपरेशन कराने की सलाह दी।
ऑपरेशन के बाद बढ़ गई परेशानी
नर्सिंग होम की सलाह पर उन्होंने फीस जमा कर दिया। डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद जब उनकी समस्या कम होने के बजाय और बढ़ गई तो उन्होंने जांच कराई। जांच में पता चला कि बुजुर्ग मरीज की डॉक्टर ने हर्निया के ऑपरेशन के बदले दूसरी ट्यूब काट कर नसबंदी कर दिया है। जिसके बाद से बुजुर्ग को पेशाब संबंधी संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जांच में बात सामने आने के बाद मरीज ने इसकी शिकायत पहले अस्पताल से की और उसके बाद में सिविल सर्जन के सामने मामला पहुंचा।
तीस हजार लेकर ऑपरेशन किया
पीड़ित पच्चू सहनी ने बताया की हर्निया का ऑपरेशन साक्षी हॉस्पिटल में कराया था। डॉक्टर ने पूरा पेट चीर दिया और नसबंदी कर दी। ऑपरेशन के बाद परेशानी और बढ़ गई है। बुजुर्ग मरीज ने बताया की ऑपरेशन में चालीस हजार की मांग की गई। तीस हजार लेकर ऑपरेशन किया। अभी तक लाखों रुपये दवा खर्च में लग गया। अस्पताल का चक्कर लगाने के बाद भी डॉक्टर नहीं मिल रहा है।
मामले की जांच की जा रही
मामला संज्ञान में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। सिविल सर्जन डॉक्टर अजय कुमार ने बताया की मामला संज्ञान में आया है। इस संबंध में जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि डॉक्टर ने हर्निया ऑपरेशन के बजाय उनकी नसबंदी कर दी है। सिविल सर्जन ने कहा किन किन लोगों की लापरवाही से हुआ है यह जानने के लिए पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिए हैं। प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है ।सिविल सर्जन डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि जल्द ही टीम बनाकर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि जिले में फर्जी अस्पताल और झोला छाप डॉक्टर की भरमार है।