Breaking News

बिहार: पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल हार्ट अटैक के कारण निधन, आचार्य किशोर कुणाल पटना के महावीर मन्दिर न्यास के सचिव और पटना के ज्ञान निकेतन नामक विद्यालय के संस्थापक भी थे

बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। किशोर कुणाल को रविवार (29 दिसंबर) की सुबह हार्ट अटैक आया था। उन्हें तुरंत महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया। उन्होंने 74 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। आचार्य किशोर कुणाल सेवानिवृत भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी थे। वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे हैं। वे पटना के महावीर मन्दिर न्यास के सचिव थे और पटना के ज्ञान निकेतन नामक विद्यालय के संस्थापक भी थे।  महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव के रूप में उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े मंदिर के निर्माण का बीड़ा उठाया था । बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में  मंदिर बनाने का काम अभी चल रहा है। महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर कैंसर संस्थान, महावीर नेत्रालय की नींव भी इन्होंने ही डाली थी। गरीबों के लिए ये अस्पताल वरदान साबित हुए।

किशोर कुणाल ने पटना में महावीर मंदिर, महावीर कैंसर अस्पताल और महावीर वात्सल्य अस्पताल की स्थापना की थी। वह अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य भी रहे। किशोर कुणाल भारतीय पुलिस सेवा के चर्चित अधिकारी रहे हैं। 1972 में किशोर कुणाल गुजरात कैडर में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बने थे। उनकी पहली पोस्टिंग आनंद में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई थी। 1978 तक वे अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बन गए थे। 1983 में बिहार आने पर किशोर कुणाल को पटना का एसएसपी नियुक्त किया गया था। 2001 में किशोर कुणाल ने स्वेच्छा से भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

 शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए काम किया

आचार्य किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा मुजफ्फरपुर के  बरुराज गांव में हुई। इसके बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में 1970 में स्नातक की उपाधि और 1983 में मास्टर की डिग्री ली। आगे चलकर वह गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी बने। वह पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी रहे। गृह मंत्रालय में सेवा देने के बाद रिटायर हुए और दरभंगा के संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति भी बने। इसके बाद उन्होंने बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के लिए योगदान दिया। उनके निधन पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित कई नेताओं ने दुख जाहिर किया।

राम मंदिर विवाद में निभाई अहम भूमिका

पुलिस करियर के दौरान आचार्य किशोर को अयोध्या विवाद पर विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता करने के लिए विशेष कर्तव्य अधिकारी (अयोध्या) के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने दी थी। किशोर कुणाल की अयोध्या रिविजिटेड नाम से लिखी किताब का जिक्र बाबरी मस्जिद सुनवाई मामले में सुप्रीम कोर्ट में किया गया था। इस किताब में दावा किया गया है कि 6 दिसंबर 1992 को जिस विवादित ढांचे को तोड़ा गया था, वो बाबरी मस्जिद नहीं थी। किताब के मुताबिक इस बात के पर्याप्त सूबत हैं कि यहां पर राम मंदिर विराजमान था। किशोर कुणाल ने भगवान महावीर में आस्था के कारण वीआरएस ले लिया था। शानदार करियर के बावजूद उन्होंने अपनी नौकरी नहीं पूरी की और खुद को सामाजिक कार्यों में झोंक दिया।

About admin

admin

Check Also

Bihar Weather Update: बिहार में मौसम का मिजाज बदला, राज्य के 29 जिलों में मेघगर्जन के साथ बारिश का अलर्ट जारी, जानें मौसम का ताजा अपडेट

Bihar Weather Update Today: बिहार में जून महीने की शुरुआत से ही मौसम में उतार-चढ़ाव देखा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *