बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के निरीक्षण को लेकर विवाद लगातार जारी है। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव समेत विपक्षी दलों के विभिन्न नेता चुनाव आयोग पर हमलावर हैं। वहीं, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के सभी आरोपों को झूठा करार दिया है। अब चुनाव आयोग ने एक बार फिर से राजद नेता तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर के सख्त बातें कही हैं। आइए जानते हैं कि चुनाव आयोग ने क्या कुछ कहा है।
चुनाव आयोग ने एक बार फिर तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर कहा है कि “तेजस्वी प्रसाद यादव, माननीय नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान सभा -सह-सदस्य, 128-राघोपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र द्वारा वर्ष 2015 एवं 2020 के नामांकन पत्र में दायर शपथ पत्र में आपके द्वारा ईपिक संख्या- RAB0456228 अंकित किया गया था। विशेष गहन पुनरीक्षण-2025 के दौरान आपके द्वारा बी०एल०ओ० के माध्यम से जो गणना प्रपत्र समर्पित किया गया था, उस गणना प्रपत्र में भी ईपिक संख्या RAB0456228 ही अंकित है। RAB2916120 भारत निर्वाचन विगत कई वर्षों की मतदाता सूचियों के डाटा बेस से मिलान करने पर भी दिनांक-02.08.2025 को आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदर्शित ईपिक कार्ड संख्या आयोग द्वारा जारी किया हुआ नहीं पाया गया।”
‘फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाना…’
चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में कहा- “उपर्युक्त तथ्यों से प्रतीत होता है कि आपके द्वारा उपर्युक्त प्रेस वार्ता में प्रदर्शित ईपिक कार्ड संख्या- RAB2916120 फर्जी है। फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाना एवं उपयोग करना कानूनी अपराध है। आपसे एक बार फिर अनुरोध है कि आपका फर्जी प्रतीत होता ईपिक कार्ड निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के कार्यालय में दिनांक 16.08.2025 के अपराहन 5:00 बजे तक जमा करायें।”
आयोग ने गुरुवार को भी भेजा था नोटिस
इससे पहले भी चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया था और 8 अगस्त के दोपहर तक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाए गए वोटर कार्ड की मूल प्रति और उससे संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था।
क्या है EPIC नंबर का पूरा विवाद?
आपको बता दें कि 2 अगस्त को तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि बिहार में SIR के तहत जारी की गई मसौदा वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है। तेजस्वी ने आरोप लगाया था कि उनका EPIC नंबर बदल दिया गया है। हालांकि, चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके बाद निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी ने तेजस्वी को पत्र लिखकर कहा, “हमारी प्रारंभिक जांच में पाया गया कि आपके द्वारा बताए गए इपिक नंबर को आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया था। इसलिए, विस्तृत जांच के लिए आपसे अनुरोध है कि इपिक कार्ड की मूल प्रति जमा करें।”