Bihar GOVT: Prisoners Get Computer Knowledge: बिहार की जेलों में बंद कैदियों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाएगा. फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत राज्य के तीन प्रमुख जेलों पटना के बेऊर स्थित आदर्श केंद्रीय कारा, मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा और बक्सर केंद्रीय कारा शामिल है. इन तीन प्रमुख केंद्रीय काराओं के 116 बंदियों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है.
बंदियों को मुख्य धारा में वापस लाने का प्रयास
इस कार्यक्रम की शुरुआत गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी ने की. पटना के बेऊर केंद्रीय कारा में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह पहल बंदियों के पुर्नवास में सहायक होगी. अपराध की पुनरावृत्ति को भी कम करेगी. कारा में पहले से बंद जो कैदी कंप्यूटर में दक्ष हैं, उनका उपयोग प्रशिक्षण देने में किया जाए. इस मौके पर कारा महानिरीक्षक प्रणव कुमार ने कहा कि विभाग के लिए बंदियों का कौशल विकास और प्रशिक्षण सर्वोच्च प्रथामिकता है. यह कार्यक्रम कैदियों को समाज की मुख्य धारा में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलेट) के माध्यम से कंप्यूटर कॉन्सेप्ट और डिजिटल लिट्रेसी का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराया जा रहा है. संस्थान के कार्यकारी निदेशक नितिन पुरी ने आश्वासन दिया कि संस्थान बंदियों के कौशल उन्नयन में अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी. इस कार्यक्रम का लक्ष्य तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कैदियों को आत्मनिर्भर बनाना है.
सरकार ने 2 करोड़ 25 लाख रुपये का किया निवेश
इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य सरकार ने 2 करोड़ 25 लाख रुपये का निवेश किया है. इसके तहत राज्य की 41 काराओं में आधुनिक कंप्यूटर लैब स्थापित किए जा रहे हैं. इन लैब के लिए 250 कंप्यूटर सिस्टम, 250 यूपीएस यूनिट और 250 कंप्यूटर टेबल स्थापित किए गए हैं. राज्य के सभी जेलों में बंद एक हजार 100 कैदियों को आठ अलग-अलग व्यावसायिक विधाओं में प्रशिक्षित करने की योजना है.
अगले चरण में बिहार कौशल विकास मिशन (बीएसडीएम) के सहयोग से सभी काराओं में स्थापित किया जाएगा. इसके लिए गृह विभाग और नाइलेट के बीच खासतौर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है. बंदियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार परक शिक्षा देकर सशक्त बनाना है.