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Bihar Board Results: BSEB 12वीं का रिजल्ट जारी होते ही टॉपर्स की सफलता की कहानियां सुर्खियों में, बेटियों ने बाजी मारी, जानें बिहार के टॉपर्स की कहानी

BSEB 12th Result: बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (BSEB) ने मंगलवार 25 मार्च को 12वीं  क्लास का परिणाम घोषित कर दिया है. इस बार भी बेटियों ने सफलता का परचम लहराया है. कुल 86.56% छात्र-छात्राएं परीक्षा में सफल रहे. तीनों स्ट्रीम्स में लड़कियों ने टॉप किया है.

साइंस स्ट्रीम में प्रिया जायसवाल ने 94.8% अंक (484 अंक) हासिल कर पूरे बिहार में टॉप किया है. प्रिया बगहा की रहने वाली हैं जो कभी नक्सल प्रभावित इलाका माना जाता था. प्रिया की सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है.

प्रिया के पिता का सपना और संघर्ष

प्रिया के पिता ने बताया कि उनकी बेटी का सपना मेडिकल फील्ड में जाने का है. उन्होंने कहा ‘हम उसे मेडिकल की तैयारी कराएंगे चाहे इसके लिए जो भी करना पड़े. हमने हमेशा अपनी बेटी को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया है.’ पिछड़े क्षेत्र में रहते हुए भी प्रिया को बिहार बोर्ड से लैपटॉप मिला, जिससे उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी.

संघर्षों से भरी रही प्रिया की यात्रा

प्रिया ने बताया कि उनका सफर आसान नहीं था. उनका इलाका पहले माओवादी गतिविधियों के लिए कुख्यात था, जहां शिक्षा के अवसर सीमित थे. उन्होंने कड़ी मेहनत और स्कूल टीचर्स, पिता व बहनों के सहयोग से उन्होंने आज ये सफलता हासिल की.

कॉमर्स टॉपर रोशनी की प्रेरणादायक कहानी

कॉमर्स स्ट्रीम में रोशनी ने टॉप किया है. रोशनी हाजीपुर की रहने वाली हैं और उनके पिता एक ऑटो ड्राइवर हैं. आर्थिक तंगी के बावजूद रोशनी ने अपनी मेहनत और माता-पिता के सहयोग से ये मुकाम हासिल किया. उन्होंने कहा ‘रात भर जागकर पढ़ाई की, इसमें मेरी मम्मी हमेशा मेरा साथ देती थीं. मुझे यकीन था कि मैं टॉप करूंगी.’

अंतरा खुशी बनीं कॉमर्स की सेकंड टॉपर

कॉमर्स स्ट्रीम में औरंगाबाद की अंतरा खुशी ने दूसरा स्थान हासिल किया है. उनके पिता पतंजलि की दुकान चलाते हैं. अंतरा ने कहा ‘गांव और शहर में कोई फर्क नहीं मेहनत और सही मार्गदर्शन से हर कोई सफल हो सकता है.’ उन्होंने बताया कि उन्होंने 6-8 घंटे की नियमित पढ़ाई और परीक्षा के आखिरी महीनों में 10-12 घंटे की मेहनत से आज ये सफलता हासिल की है.

वहीं वैशाली जिले की अंकिता कुमारी ने कॉमर्स में स्टेट टॉपर बनकर पूरे जिले का नाम रोशन किया है. खास बात ये है कि अंकिता बेहद साधारण परिवार से आती हैं उनके पिता एक बाइक मिस्त्री हैं, लेकिन कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से ये मुकाम हासिल किया. अंकिता की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. रोजाना करीब 8 घंटे पढ़ाई करके उन्होंने इस सफलता को पाया. उनका कहना है कि ये सफर आसान नहीं था, लेकिन माता-पिता और शिक्षकों के सहयोग से उन्होंने हर चुनौती का सामना किया.

पिछले साल की तुलना में रिजल्ट में मामूली गिरावट 

पिछले साल (2024) इंटर परीक्षा में 87.21% छात्र-छात्राएं पास हुए थे जबकि इस साल ये प्रतिशत 86.56% रहा. परीक्षा 1 जनवरी से 15 फरवरी 2025 के बीच आयोजित की गई थी जिसमें 12801 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. हर साल की तरह इस बार भी बिहार बोर्ड ने पूरे देश में सबसे पहले 12वीं का रिजल्ट जारी किया. ये दर्शाता है कि बिहार बोर्ड परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और डिजिटल बना रहा है.

बेटियों की सफलता पर परिवार और राज्य को गर्व

इस बार भी बेटियों ने अपने दम पर सफलता हासिल कर ये साबित कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं. चाहे प्रिया जायसवाल हों, रोशनी हों या अंतरा खुशी इनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी.

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